कोरोना संकट के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान हमने देखा कि किस तरीके से प्रवासी मजदूर लाखों की तादाद में अपने गृह राज्य लौटने पर मजबूर हुए। इसका सबसे बड़ा कारण यह था कि रोजगार बंद होने के कारण उन्हें अपने लिए मकान रख पाना मुश्किल हो रहा था। इन प्रवासियों में सबसे ज्यादा वह लोग थे जो किराए के मकान में रहते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए अब सरकार लोगों को सस्ती दरों पर किराए का मकान उपलब्ध कराने के लिए योजना बना रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार सरकारी जमीन पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत मकान बनाकर उसे किराया पर दिया जा सकता है। इसके लिए बकायदा केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने एक पोर्टल लॉन्च किया है।
दूसरे मॉडल के तहत यह कहा गया है कि अगर किसी के पास अपनी जमीन है तो वह सरकार से इजाजत लेकर अपनी प्रॉपर्टी बना सकता है। उसके बाद उस जमीन पर बने मकान को मजदूरों, कामगारों को सस्ते किराए दर पर वह दे सकता है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग कंपलेक्स पोर्टल की शुरुआत करते हुए पर दिशा निर्देशन और गाइड बुक भी जारी किया। हरदीप पुरी ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सभी को किफायती आवास मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। समाज के सभी वर्गों को सुरक्षित भविष्य बनाने में मदद करेगा जिससे कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण हो सकेगा