भारतीय अर्धसैनिक बलों को लेकर डराने वाली रिपोर्ट! छत्तीसगढ़ में साढ़े छह साल में 177 सुरक्षाकर्मियों ने की आत्महत्या

By रेनू तिवारी | Jul 17, 2025

भारतीय सेना के अलाव देश की आंतरिक और बाहरी खतरों से सुरक्षा के लिए अपनी जान का बलिदान कर देने वाली भारतीय अर्धसैनिक बल के बारे में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आयी है। यह रिपोर्ट अपने आप में बड़े सवाल खड़े कर रही हैं।छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य सरकार ने बुधवार को बताया कि पिछले साढ़े छह साल में अर्धसैनिक बलों के जवानों समेत 177 सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सुरक्षाकर्मियों द्वारा आत्महत्या और उनके द्वारा की गई हत्याओं के मामलों की जानकारी दी। शर्मा द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार 2019 से 15 जून 2025 के बीच राज्य में 177 सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की।

जवाब के अनुसार इनमें से 26 सुरक्षाकर्मी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), पांच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), तीन भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और एक-एक सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और त्रिपुरा राइफल्स के थे। जवाब में कहा गया है कि आत्महत्या करने वाले अन्य सुरक्षाकर्मी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, विशेष कार्य बल और होमगार्ड सहित राज्य पुलिस की विभिन्न शाखाओं से संबंधित थे।

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राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के जवानों को बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है। उपमुख्यमंत्री के जवाब के अनुसार 2019 में 25, 2020 में 38, 2021 में 24, 2022 में 31, 2023 में 22, 2024 में 29 और 15 जून तक 2025 में आठ सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की। इसमें कहा गया है कि पिछले साढ़े छह वर्ष के दौरान अर्धसैनिक बलों के जवानों सहित 18 सुरक्षाकर्मी हत्या की घटनाओं में शामिल रहे। इन घटनाओं में आपसी विवाद की कुछ घटनाएं भी शामिल हैं, जिनमें जवानों ने अपने साथियों पर गोलियां चलाईं।

उपमुख्यमंत्री शर्मा, जो गृह विभाग भी संभालते हैं, ने लिखित उत्तर में बताया है कि इस तरह की घटना होने के बाद प्रत्येक प्रकरण में जांच की गई। जांच के दौरान विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों तथा मृतक के परिजनों और अन्य साक्षियों का कथन लेकर समीक्षा तथा अग्रिम कार्रवाई की जाती है।

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उन्होंने बताया कि ऐसे प्रकरणों की जांच में पाया गया है कि अधिकारी/कर्मचारी मुख्यतः पारिवारिक, व्यक्तिगत, शराब सेवन एवं स्वास्थ्य संबंधी कारणों और अचानक आक्रोश में आकर आत्महत्या या हत्या करते हैं। शर्मा ने अपने उत्तर में बताया है कि सभी पुलिस अधीक्षक और सैन्य अधिकारी अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए कई कल्याणकारी गतिविधियां चला रहे हैं।

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