गरीब सवर्णों को आरक्षण मामला: विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 10, 2019

नयी दिल्ली। सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके के लिये नौकरियों और शिक्षा में दस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था करने वाले संविधान संशोधन विधेयक को बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी। गैर सरकारी संगठन यूथ फॉर इक्वेलिटी और कौशल कांत मिश्रा ने याचिका में इस विधेयक को निरस्त करने का अनुरोध करते हुये कहा है कि एकमात्र आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

याचिका में कहा गया है कि इस विधेयक से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होता है क्योंकि सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही आर्थिक आधार पर आरक्षण सीमित नहीं किया जा सकता है और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा लांघी नहीं जा सकती। राज्य सभा ने बुधवार को 124वें संविधान संशोधन विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से पारित किया था। सदन ने विपक्षी सदस्यों के पांच संशोधनों को अस्वीकार कर दिया।

 

यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नीत पैनल करेगा CBI निदेशक आलोक वर्मा के भविष्य का फैसला

 

इससे पहले, मंगलवार को लोक सभा ने इसे पारित किया था। आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिये आरक्षण का यह प्रावधान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गो को मिलने वाले 50 फीसदी आरक्षण से अलग है।

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज