आरएमएल, लेडी हार्डिंग और कलावती सरन बाल चिकित्सालय जूझ रहे हैं जलापूर्ति की समस्या से

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 19, 2024

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा संचालित राम मनोहर लोहिया(आरएमएल), लेडी हार्डिंग और अस्पताल समेत कलावती सरन बाल चिकित्सालय जल आपूर्ति की समस्या से जूझ रहे हैं, क्योंकि भूमिगत जलाशयों को दिल्ली जल बोर्ड से कम पानी मिल रहा है। नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के सदस्य कुलजीत सिंह चहल ने मंगलवार को यह जानकारी दी। राष्ट्रीय राजधानी पिछले कई हफ्तों से भीषण जल संकट से जूझ रही है, भीषण गर्मी के कारण जल आपूर्ति न के बराबर है और निजी पानी के टैंकरों से इस कमी को पूरा किया जा रहा है। 


नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के पास 27 भूमिगत जलाशय हैं और उन्हें 18 प्रवेशिका (इनलेट) के जरिये तीन जल उपचार संयंत्रों से पानी मिलता है। एनडीएमसी को आम तौर पर 125 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) पानी मिलता है, लेकिन वर्तमान आपूर्ति 70 से 80 एमएलडी के बीच है। सामान्य स्थिति में वजीराबाद जल शोधन संयंत्र 60-70 एमएलडी पानी, सोनिया विहार 25 एमएलडी और चंद्रावल 35 एमएलडी पानी नगर निकाय के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को आपूर्ति करता है। चहल ने आरोप लगाया कि तीन जल उपचार संयंत्रों में से वजीराबाद संयंत्र में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा एक बूंद पानी भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके कारण आरएमएल और लेडी हार्डिंग जैसे अस्पतालों को परेशानी हो रही है। 


उन्होंने कहा कि गोल मार्केट, बंगाली मार्केट, तिलक मार्ग, संसद भवन, उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, न्यायाधीशों के बंगले, डीआईजे क्षेत्र, आरएमएल, कलावती और लेडी हार्डिंग जैसे अस्पतालों में पानी की भारी किल्लत है।चहल ने कहा कि अगर स्थिति नहीं सुलझी तो अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पताल भी प्रभावित हो सकते हैं। चंद्रावल जल उपचार संयंत्र से जल प्राप्त करने वाला भूमिगत जलाशय राष्ट्रपति भवन, चाणक्यपुरी, दूतावासों, प्रधानमंत्री आवास, सांसदों के फ्लैट आदि को पानी उपलब्ध कराता है, लेकिन इसकी क्षमता में 30 प्रतिशत की कमी आई है। 

 

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सोनिया विहार जल उपचार संयंत्र से जल प्राप्त करने वाले भूमिगत जलाशय जोर बाग, भारती नगर, पंडारा रोड, खान मार्केट, काका नगर, बापा नगर आदि क्षेत्रों को पानी उपलब्ध कराता है, लेकिन यहां संकट नहीं है। एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि वे निवासियों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए पानी के टैंकर तैनात कर रहे हैं और अपनी क्षमता के अनुसार शिकायतों का समाधान कर रहे हैं, हालांकि मांग आपूर्ति से अधिक बनी हुई है।

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