यरोस्पेस इंजीनियर स्वाति मोहन को बचपन में ‘स्टार ट्रेक’ देखने के बाद NASA पहुंचने की मिली थी प्रेरणा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 05, 2021

वाशिंगटन। भारतवंशी एयरोस्पेस इंजीनियर स्वाति मोहन ने बृहस्पतिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को बताया कि नासा में आने का रास्ता उस वक्त खुल गया था जब उन्होंने बचपन में ‘स्टार ट्रेक’की पहली कड़ी देखी थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के ‘पर्सेवियरेंस’रोवर के मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने के अभियान में स्वाति मोहन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। स्वाति ने नासा के मंगल 2020 अभियान में दिशा-निर्देश, दिशा-सूचक और नियंत्रण अभियान का नेतृत्व किया। पर्सेवियरेंस रोवर 18 फरवरी को मंगल की सतह पर उतरा था। वह जब एक साल की थीं तभी उनका परिवार भारत से अमेरिका आ गया था। स्वाति ने कहा कि अंतरिक्ष के लिए उनकी जिज्ञासा बचपन में तब से शुरू हो गयी थी जब वह लोकप्रिय टीवी शो ‘स्टार ट्रेक’ देखा करती थीं। स्वाति ने डिजिटल माध्यम से बाइडन से बातचीत के दौरान बताया, ‘‘अंतरिक्ष के अद्भुत दृश्यों ने सबसे ज्यादा मेरा ध्यान खींचा और अंतरिक्ष के अन्वेषण के लक्ष्य के इरादे से काम करने लगी।’’

इसे भी पढ़ें: जो बाइडेन के भाषण लेखन से लेकर अंतरिक्ष एजेंसी नासा तक भारतवंशियों का रहा दबदबा, पढ़े ये रिपोर्ट

राष्ट्रपति बाइडेन ने नासा की टीम को पिछले महीने मंगल पर छह पहिए का रोवर सफलतापूर्वक उतारने के अभियान और अमेरिका का विश्वास बढ़ाने के लिए बधाई दी। स्वाति ने बताया, ‘‘जैसे-जैसे दिन करीब आ रहे थे हम वाकई बहुत घबराहट महसूस कर रहे थे। अभियान के अंतिम सात मिनट में तो धड़कनें और बढ़ गयी थी। मंगल की सतह पर रोवर के उतरने की पहली तस्वीरें मिलने के बाद जैसे लगा कि कोई सपना पूरा हो गया।’’ बाइडेन ने मोहन और अभियान से जुड़े नासा के अन्य वैज्ञानिकों की सराहना की। बाइडन ने कहा, ‘‘आपने लाखें बच्चों, अमेरिकी युवाओं के सपनों को पूरा किया। आपकी टीम ने जो काम किया, उससे आपने अमेरिकी लोगों का भरोसा बढ़ाया।

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज