Russia Ukraine War: UNSC में रूस को फिर लगा झटका, नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन में ब्लास्ट की जांच की रूसी मांग खारिज

By अभिनय आकाश | Mar 28, 2023

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रूस से, बाल्टिक सागर होते हुए यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन में हुए विस्फोट की जांच करने के रूस के आग्रह को सोमवार को नामंजूर कर दिया रूसी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को नॉर्ड स्ट्रीम तोड़फोड़ की अंतरराष्ट्रीय जांच पर रूसी-चीनी प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए यह जरूरी है कि उसके पक्ष में परिषद के 15 सदस्यों में से नौ का वोट मिले तथा किसी भी स्थायी सदस्य द्वारा ‘वीटो’ का इस्तेमाल नहीं किया जाए। इस प्रस्ताव का रूस, चीन और ब्राजील ने समर्थन किया, अल्बानिया, ब्रिटेन, गैबॉन, घाना, माल्टा, मोजाम्बिक, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, इक्वाडोर और जापान ने भाग नहीं लिया।

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संकल्प को बेलारूस, वेनेजुएला, डीपीआरके, निकारागुआ, सीरिया और इरिट्रिया ने भी सह-लेखक बनाया था। हालाँकि, ये राज्य सुरक्षा परिषद के सदस्य नहीं हैं और उन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया। रूसी समाचार एजेंसी TASS ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सोमवार को नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइनों की तोड़फोड़ की अंतरराष्ट्रीय जांच पर एक रूसी-चीनी मसौदा प्रस्ताव पर मतदान करेगी। प्रस्तावित मसौदे का पाठ संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस नॉर्ड स्ट्रीम 1 और नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइनों पर तोड़फोड़ के कार्य के सभी पहलुओं की व्यापक, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्र आयोग की स्थापना करते हैं, जिसमें पहचान करना भी शामिल है। अपराधियों, प्रायोजकों, आयोजकों और उनके सहयोगियों।

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अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वूड ने कहा कि जब स्वीडन, डेनमार्क और जर्मनी मामले की व्यापक, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच कर रहे हैं तब संयुक्त राष्ट्र द्वारा छानबीन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच का यह आग्रह, मौजूदा राष्ट्रीय जांच के काम को बाधित करने और उनके किसी भी निष्कर्ष को पक्षपाती बताने का प्रयास है तथा यह मांग सच सामने लाने की कोशिश कतई नहीं है। पाइपलाइन को नॉर्ड स्ट्रीम 1 और और नॉर्ड स्ट्रीम 2 के तौर पर जाना जाता है। इसमें अधिकतर हिस्सेदारी रूस की सरकारी ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी कंपनी गजप्रोम के पास है। इन लाइन में पिछले साल 26 सितंबर को विस्फोट हुआ था। यूरोपीय राष्ट्रों की जांच अब तक किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है या कम से कम उन्हें अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

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