By अनुराग गुप्ता | Mar 09, 2022
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वतन वापसी की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में विश्वास खड़ा हुआ है कि किसी भी संकट के समय में भारत सरकार और भारत के प्रधानमंत्री जी हमें संकट से निकालेंगे। 20,000 से अधिक भारत के नागरिक जो यूक्रेन में फंसे थे, उन्हें तीन हफ्ते के अंदर भारत में वापस लाना, ये हम सभी लोगों के लिए बहुत गर्व की बात है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस विषय को खुद गंभीरता से लिया। 8 हाई लेवल मीटिंग उन्होंने की। उन्होंने करीब 11 बार दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं से बात की। कूटनीति का हर संभव प्रयोग किया गया, जिससे हमारे नागरिक सकुशल वापस आ सकें।
पीयूष गोयल ने बताया कि छात्रों के बैच का आखिरी दस्ता भी युद्धग्रस्त इलाके से निकलकर पश्चिमी क्षेत्र में पहुंच रहा है। उन्हें भी जल्द ही बॉर्डर पार करवाकर अपने वतन लाया जाएगा। संकट की घड़ी में भी जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने इस मिशन को नेतृत्व किया और 4 वरिष्ठ मंत्रियों को संकटग्रस्ट देश के करीबी देशों में भेजा और इन लोगों ने वहां के राष्ट्र प्रमुखों से बात की। जिसकी वजह से हर मुमकिन सहायता वहां के देशों से हमें मिली है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसा ही उदाहरण किसी और देश का नहीं है जिन्होंने इतनी गंभीरता के साथ अपने लोगों की वतन वापसी कराने का काम किया हो। यहां तक की बड़े-बड़े देश इसमें विफल रहे। चीन तो 5 तारीख को पहली बार कुछ लोगों को निकाल पाया है। अमेरिका ने तो एडवाइजरी जारी कर दी थी कि आप वहां से निकल जाओ वरना तो हम जिम्मेदार नहीं हैं। लेकिन भारत ने हम संभव कोशिश की है।
पीयूष गोयल ने बताया कि हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के नागरिकों और छात्रों को लाने में सफल हुए हैं। इतना ही नहीं हमने इस युद्ध के दौरान तिरंगे की अहमियत को देखा है। हमारे देश के अलावा कई दूसरे देशों के लोगों ने भी तिरंगे का इस्तेमाल कर वहां से निकलने का काम किया है।
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