By अंकित सिंह | Dec 19, 2025
वीबी-जी राम जी विधेयक पारित होने के विरोध में विपक्ष के प्रदर्शनों के बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन में वंदे मातरम बजाए जाने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो कल तीन देशों की यात्रा से लौटे थे, आज सदन में उपस्थित थे। राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने आज सुबह 11 बजे सदन के पुनः शुरू होने के कुछ ही समय बाद सदन को स्थगित कर दिया। स्थगन से पहले सदन के पटल पर बयान और रिपोर्टें रखी गईं।
इस बीच, विपक्ष ने रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक के पारित होने के खिलाफ अपना मुखर विरोध जारी रखा। शुक्रवार को, एकजुट विपक्ष ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन के प्रवेश द्वार की सीढ़ियों पर अपना प्रदर्शन जारी रखा। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जो इस समय जर्मनी में हैं, ने विधेयक की आलोचना में शामिल होते हुए इसे जानबूझकर राष्ट्र-विरोधी और ग्राम-विरोधी बताया।
राज्यसभा का 269वां सत्र शुक्रवार को भारत के उपराष्ट्रपति और सभापति के विदाई भाषण के साथ समाप्त हुआ। राज्यसभा सभापति सीपी राधाकृष्णन ने शीतकालीन सत्र की उत्पादकता और रचनात्मक बहसों पर प्रकाश डाला। सदन को संबोधित करते हुए सभापति ने कहा कि यह सत्र विशेष महत्व रखता है क्योंकि पदभार ग्रहण करने के बाद यह पहली बार था जब उन्होंने सदन की अध्यक्षता की। उन्होंने प्रधानमंत्री, मंत्रियों, जे.पी. नड्डा, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और सभी सदस्यों को बधाई देने के लिए आभार व्यक्त किया और उनके प्रोत्साहन को प्रेरणा का स्रोत बताया।
सभापति ने कहा कि सदस्यों ने अध्यक्ष के साथ पूर्ण सहयोग किया, पर्याप्त कार्य पूरा किया और पांच मौकों पर देर तक बैठने या दोपहर के भोजन के अवकाश को छोड़ने के लिए सहमत हुए। उन्होंने कहा कि इस सत्र में शून्यकाल नोटिसों की अभूतपूर्व संख्या देखी गई, जो औसतन 84 प्रतिदिन से अधिक रही, जो पिछले सत्रों की तुलना में 31% अधिक है। शून्यकाल के दौरान उठाए गए मामलों की औसत संख्या 15 प्रतिदिन से अधिक रही, जो पिछले सत्रों की तुलना में लगभग 50% अधिक है। उन्होंने कहा कि हमें अच्छा काम जारी रखना चाहिए, यह ध्यान में रखते हुए कि इस महान राष्ट्र की जनता हमें लोकतंत्र के संरक्षक के रूप में देखती है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र में 15 बैठकें हुईं। उन्होंने अपने संक्षिप्त उल्लेख में कहा, कि आप सभी के सहयोग से इस सत्र में सभा की कार्य उत्पादकता लगभग 111 प्रतिशत रही। इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उपस्थित थे। अठारहवीं लोकसभा के छठे सत्र में सदन ने आठ सरकारी विधेयकों को मंजूरी दी। इनमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेने के लिए लाया गया ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ शामिल है जिसे लेकर विपक्ष ने भारी विरोध दर्ज कराया। सदन ने ‘भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्द्धन (शांति) विधेयक, 2025’, ‘सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानूनों में संशोधन) विधेयक, 2025’ और वर्ष 2025-26 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच और संबंधित विनियोग (संख्याक 4) विधेयक, 2025 को भी पारित किया।
देश में अप्रचलित एवं पुराने हो चुके 71 कानूनों को निरस्त और संशोधित करने के प्रस्ताव वाले ‘निरसन और संशोधन विधेयक, 2025’ को भी निम्न सदन की स्वीकृति प्राप्त हुई। इनके अतिरिक्त लोकसभा ने ‘मणिपुर माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025’ और पान मसाला पर उपकर लगाने के प्रावधान वाले ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025’को भी ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन में राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने और चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा भी हुई। इससे पहले विपक्ष ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विषय पर संसद में चर्चा कराने की मांग की थी और शीतकालीन सत्र के शुरुआती दो दिन सदन की कार्यवाही इस मुद्दे पर विपक्ष के प्रदर्शन के कारण बाधित भी रही। अंतत: चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा की सहमति बनी और सदन में कामकाज शुरू हुआ।