Sarbat Khalsa बुलाने का बार-बार आह्वान क्यों कर रहा है Amritpal Singh, क्या हैं कट्टरपंथी उपदेशक के इरादे

By नीरज कुमार दुबे | Mar 31, 2023

वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह, पंजाब पुलिस की पकड़ से अभी भी बाहर है...करीब 2 हफ्तों से पुलिस इधर-उधर अमृतपाल सिंह के लिए छापेमारी कर रही हैं साथ ही ड्रोन की भी मदद ली जा रही है...लेकिन अमृतपाल अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है...सवाल उठ रहा है कि अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस को चकमा देने में लगातार कमयाब हो रहा है लेकिन वो ऐसा कब तक कर पाएगा। इस बीच अमृतपाल सिंह लगातार वीडियो जारी करके पुलिस और प्रशासन को चुनौती भी दे रहा है। हम आपको बता दें कि कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने बृहस्पतिवार को एक नया वीडियो जारी किया जिसमें उसने कहा कि वह भगोड़ा नहीं है और जल्द ही दुनिया के सामने आएगा। बुधवार को भी अमृतपाल सिंह ने पंजाब पुलिस को उसे गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी। अमृतपाल सिंह का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर उसका एक ऑडियो क्लिप सामने आने के कुछ घंटों बाद आया है। ऑडियो क्लिप में उसने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह आत्मसमर्पण के लिए बातचीत कर रहा है। अमृतपाल सिंह ने वीडियो में पंजाबी में कहा, “जिनको ऐसा लगता है कि मैं भगोड़ा हूं और मैंने अपने साथियों को छोड़ दिया है, उन्हें यह भ्रम नहीं पालना चाहिए। मुझे मौत का डर नहीं है। और जल्द ही दुनिया के सामने पेश होउंगा और 'संगत' के बीच भी आउंगा।"


हम आपको याद दिला दें कि अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई की मांग को लेकर अमृतसर के निकट अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था। इस घटना के करीब तीन सप्ताह बाद 18 मार्च को पुलिस ने सिंह और उसके खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। अमृतपाल उसके बाद से ही फरार है। वह 18 मार्च को जालंधर जिले से भाग निकला था।


हम आपके बता दें कि कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह की कथित ऑडियो क्लिप में उसने अकाल तख्त से “सरबत खालसा” बुलाने के लिए फिर से कहा है। उसने नई ऑडियो क्लिप में कहा, "मैंने जत्थेदार से सरबत खालसा बुलाने का आग्रह किया है। सरबत खालसा बुलाओ और साबित करो कि तुम जत्थेदार हो।" सिख निकाय पर दबाव बनाते हुए उसने कहा, "अगर हम आज भी राजनीति करने जा रहे हैं, वही काम कर रहे हैं, जो हम पहले करते थे, तो भविष्य में जत्थेदार होने का क्या मतलब है।" उसने सिख निकायों से "एकता" का आह्वान करते हुए कहा, "हमें यह समझना चाहिए कि आज पूरे समुदाय के एक साथ आने का समय है।" 


इस बीच, पंजाब पुलिस ने अलगाववादी अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत होशियारपुर जिले के एक गांव में बृहस्पतिवार को ड्रोन तैनात किया जहां दो दिन पहले कुछ संदिग्धों ने पुलिस द्वारा पीछा किए जाने के बाद अपनी कार छोड़ दी थी। सूत्रों के मुताबिक मरनैन गांव और उसके आस-पास तैनात पुलिसकर्मी भी कट्टरपंथी अमृतपाल की तलाश में वाहनों की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने इलाके में अपना तलाशी अभियान फिर से शुरू किया और गांव में एक ड्रोन तैनात किया। हालांकि, इस पर पुलिस विभाग की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। मरनैन गांव और उसके आस-पास अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है।


इससे पहले, पंजाब पुलिस ने होशियारपुर के इस गांव और उसके आस-पास के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था। पुलिस को यह खुफिया जानकारी मिली थी कि सिंह और उसके सहयोगी इलाके में हो सकते हैं। होशियारपुर की यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब पुलिस ने मंगलवार रात एक कार का पीछा किया, जिसके बारे में कुछ सूत्रों ने कहा कि उस कार में अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के होने की आशंका है। वे लोग वाहन को गांव में छोड़कर गायब हो गए। पुलिस ने घर-घर जाकर तलाशी अभियान भी चलाया है लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें कथित तौर पर वह अलग-अलग इलाकों में दिखा है।


उधर, पंजाब सरकार ने सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त को सूचित किया है कि कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिए गए 360 लोगों में से 348 को अब रिहा कर दिया गया है। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के निजी सचिव जसपाल सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार की ओर से संदेश मिला है कि बाकी लोगों को भी जल्द रिहा कर दिया जाएगा। हम आपको बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पंजाब सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान पकड़े गए सभी सिख युवकों को रिहा कर दिया जाए। जत्थेदार ने पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज करने के लिए राज्य सरकार की निंदा भी की थी।


इस बीच, पुलिस ने अमृतसर और बठिंडा तथा उसके आस-पास के इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी है, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि अमृतपाल सिंह अमृतसर में स्वर्ण मंदिर अथवा बठिंडा में तख्त श्री दमदमा साहिब में प्रवेश करने के बाद आत्मसमर्पण कर सकता है। उधर, अमृतपाल सिंह के अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर रहने पर भाजपा ने सवाल उठाये हैं और कहा है कि पंजाब सरकार से कानून व्यवस्था नहीं संभल पा रही है।


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