कोरोना संक्रमण की त्वरित जांच के लिए ‘सेंसिट रैपिड कोविड-19 एजी किट’

By इंडिया साइंस वायर | Jun 22, 2021

मौजूदा समय में संपूर्ण विश्व कोरोना संक्रमण से प्रभावित है। यदि कोरोना संक्रमण की समय पर पुष्टि और उसका इलाज न हो तो इसके कारण संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु का खतरा भी पैदा हो जाता है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने ‘सेंसिट रैपिड कोविड-19 एजी किट’ विकसित की है। जो महज 15 मिनट के भीतर कोरोना संक्रमण की जांच करने में सक्षम है।


सेंसिट रैपिड कोविड-19 एजी किट संदिग्ध व्यक्ति से नासॉफिरिन्जियल स्वैब का उपयोग करके नमूने एकत्र कर उसकी जांच करती है। यह किट ‘क्रोमैटोग्राफिक इम्यूनोसे’ तकनीक पर आधारित है। जिसमें जैव-रासायनिक मिश्रण में मौजूद प्रोटीन का पता एंटीबॉडी के उपयोग से लगाया जाता है। खास बात यह है कि इसके द्वारा प्राप्त जांच निष्कर्ष को तत्काल ही देखा जा सकता है।

इसे भी पढ़ें: कोविड-19 परीक्षण बढ़ाने के लिए सीएसआईआर और टाटा की साझेदारी

परीक्षण ‘सैंडविच इम्यूनोएसे’ के सिद्धांत पर काम करता है। जांच प्रक्रिया में यह प्रणाली विशिष्ट श्वेत रक्त कोशिका की क्लोनिंग द्वारा तैयार एंटीबॉडी की एक जोड़ी का उपयोग करती है जो मिश्रण में मौजूद  कोविड-19 के एंटीजन से बंधते ही एक रंगीन रेखा के रूप में दिखाई देने लगती देती है। यह किट क्रमशः 86 प्रतिशत और 100 प्रतिशत की संवेदनशीलता और विशिष्टता प्रदर्शित करती है। वहीं, इस किट की आयु 24 महीने है और इसका सफलतापूर्वक वाणिज्यीकरण किया जा चुका है।


हालांकि कोरोना संक्रमण की त्वरित जांच के लिए हमारे पास एंटीजन परीक्षण पहले से ही मौजूद है जो थोड़े ही समय के भीतर लिए गए नमूनों का परिणाम प्रदान कर देते हैं। लेकिन कई शोधकर्ताओं, संस्थान और उद्यमी सटीक, सस्ती और सुलभ परीक्षण किट विकसित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं जिससे न केवल स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना संक्रमण की जांच में सहायता प्रदान की जा सके और साथ ही भारत में जैव प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा भी दिया जा सके।

इसे भी पढ़ें: चार शहरों का समूह करेगा कोरोना वायरस जीनोम निगरानी

‘सेंसिट रैपिड कोविड-19 एजी किट’ स्वास्थ्य पेशेवरों को संक्रमित व्यक्तियों का शीघ्रता से पता लगाने, उनके समय की बचत करने और उन्हें संक्रमित व्यक्ति को बेहतर सलाह और उपचार प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता है।


‘सेंसिट रैपिड कोविड-19 एजी किट’ को यूबियो बायोटेक्नोलॉजी सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के सहयोग से विकसित किया है। इस किट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है।

प्रमुख खबरें

Mehbooba Mufti को मत मांगने के लिए बच्ची का इस्तेमाल करने पर कारण बताओ नोटिस जारी

BSF के जवान ने अज्ञात कारणों के चलते BSF चौकी परिसर में फाँसी लगाकर की आत्महत्या

SP ने आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने की कोशिश की, राम का अपमान किया: Adityanath

तापीय बिजली संयंत्रों के पास मानक के मुकाबले 68 प्रतिशत कोयले का भंडार: सरकारी आंकड़ा