By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 28, 2019
मुंबई। शिवसेना ने सोमवार को कहा कि यह बेहद “दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक वीर सावरकर को “मोदी युग” में भी नजरअंदाज किया गया और भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया। पार्टी ने यह भी कहा कि दिग्गज कलाकार दिवंगत भूपेन हजारिका को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिया गया जो कि “गलत” बात है। केंद्र एवं महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना लंबे समय से विनायक दामोदर सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग करती रही है।
सावरकर को अंग्रेजों ने उम्रकैद की सजा दी थी जिसके बाद उन्होंने जीवन का ज्यादातर समय अंडमान की सेलुलर जेल में बिताया। शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कुछ साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित करने का समय आ गया है ताकि पिछली सरकारों की “गलतियों” को सुधारा जा सके जिन्होंने उनके कट्टर हिंदुत्व विचारों के चलते उन्हें “जानबूझ कर नजरअंदाज” किया था।
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पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, “कांग्रेस ने अपने शासन काल में सावरकर का अपमान किया। लेकिन मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद क्या किया? भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए सावरकर को भारत रत्न देने की पुरजोर मांग की थी। लेकिन न तो राम मंदिर बना न ही सावरकर को भारत रत्न मिला।”