By अंकित सिंह | Sep 11, 2021
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। राज्य की राजनीतिक सरगर्मियां लगातार बढ़ रही है। सभी दल विकास के दावे के साथ जनता के बीच जाने की तैयारी कर रहे हैं। सत्तारूढ़ अपने विकास के कार्यों को गिराने का काम कर रही है जबकि विपक्ष सत्ता की नाकामी को बता रहा है। राजनीतिक विश्लेषक उत्तर प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच मान रहे हैं। लेकिन माना जा रहा है कि राज्य में इस बार मायावती, कांग्रेस और ओवैसी फैक्टर भी दिखाई दे सकता है। इन सबके बीच महाराष्ट्र की पार्टी शिवसेना ने भी उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
शिवसेना की ओर से कहा गया है कि उसकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। यह निर्णय संगठन के प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया। शिवसेना ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां कानून-व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है और बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। शिवसेना ने कहा कि वह आने वाले चुनाव में महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को लेकर जनता के बीच जाएगी।
यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश में शिवसेना सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। दारुलसफा में हुई बैठक के बाद प्रदेश प्रमुख ठाकुर अनिल सिंह ने कहा कि यूपी सरकार ब्राह्मणों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है। प्रदेश में चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो गई है। बेरोजगारी और महंगाई से जनता परेशान है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र की एनसीपी भी उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। हालांकि वह स्थानीय दलों से गठबंधन की कोशिश में भी है।