By दिनेश शुक्ल | Oct 20, 2020
इंदौर। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार में पर्यटन व संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने मंगलवार को मदरसों पर विवादित बयान दिया है। ठाकुर ने यह बयान इंदौर के मीडिया सेंटर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान दिया। मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि आतंकवादी व कट्टरवादी मदरसों में पले-बढ़े हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर को आंतकवाद की फैक्टरी बना कर रख दिया। राष्ट्रवाद में बाधा डालने वाले मदरसों को राष्ट्रहित में बंद होना चाहिए। असम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां ऐसा करके भी दिखाया गया है। असम में मदरसे बंद है। जो मदरसे समाज को राष्ट्रवाद से नहीं जोड़ सकते हैं, उन्हें समुचित शिक्षा से जोड़कर समाज की प्रगति के लिए आगे लाना चाहिए।
मंत्री उषा ठाकुर ने सामूहिक शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थी एक समान होते हैं। धर्म आधारित शिक्षा से कट्टरता पनप रही है और विद्वेष का भाव फैल रहा है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड एक सक्षम संस्था है, मदरसों की शासकीय मदद भी बंद होना चाहिए। यदि कोई निजी तौर पर धार्मिक संस्कार देना चाहता है, तो हमारा संविधान उसके लिए छूट देता है। इस दौरान मंत्री उषा ठाकुर ने पूर्व की कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह बात कही थी कि आदिवासियों से कोई हिंदू नहीं लिखवाएगा जबकि वे अनादि काल से हिंदू हैं। कमलनाथ सरकार के फैसलों पर आपत्ति लेते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ मंदिरों की आय पर टैक्स लगा दिया और मदरसों को राहत देते रहे। कांग्रेस ने देश की एकता को खंड-खंड करने की नीति बनाई थी।