कंडोम के विज्ञापन में गरबा करते जोड़े को दिखाया जाना धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा, MP हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

By अभिनय आकाश | Dec 29, 2022

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि गरबा खेल रहे एक जोड़े को दिखाने वाले कंडोम के विज्ञापन को अश्लीलता नहीं माना जाएगा और यह धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाता है। न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह की एकल-न्यायाधीश पीठ ने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर विज्ञापन पोस्ट करने के लिए एक फार्मासिस्ट के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करते हुए फैसला सुनाया।

मामला क्या है?

2018 में नवरात्रि के दौरान दो दिनों के लिए मुफ्त कंडोम और गर्भावस्था किट के लिए एक प्रचार प्रस्ताव चलाने के बाद मॉर्फस फार्मास्युटिकल्स नामक एक फार्मा कंपनी के मालिक महेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। विज्ञापन में कहा गया है, "प्री लवरात्रि वीकेंड ऑफर - कंडोम (3 का पैक)/गर्भावस्था जांच किट 0 रुपए में।" मामला अजय नाम के व्यक्ति ने दर्ज कराया था, जिसने पुलिस को लिखित शिकायत दी थी कि विज्ञापन से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके बाद, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 505 (सार्वजनिक शरारत) और 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

इसे भी पढ़ें: Jammu-Kashmir: कड़ाके की ठंड के बावजूद भारी संख्या में गुलमर्ग पहुंच रहे सैलानी, उठाया रहे मौसम का लुत्फ

धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था

त्रिपाठी ने तर्क दिया कि वह स्वयं एक हिंदू हैं और उनका धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने या धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने दावा किया कि गरबा अवधि के दौरान ग्राहकों को लुभाने के लिए केवल अच्छे विश्वास के साथ उक्त विज्ञापन पोस्ट किया गया था क्योंकि विभिन्न कंडोम कंपनियां खुद प्रचार प्रस्ताव लेकर आई थीं।

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज