हमारा फैसला नहीं... जाति पुनर्गणना पर बोले सिद्धारमैया, हाई कमान के निर्देश का कर रहे पालन

By अंकित सिंह | Jun 11, 2025

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि जाति जनगणना के आंकड़ों को फिर से दर्ज करने का फैसला पार्टी हाईकमान ने लिया है और यह राज्य सरकार का फैसला नहीं है। पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि जाति जनगणना को लेकर कुछ शिकायतें मिली हैं। सर्वेक्षण हुए 10 साल हो गए हैं और यह पुराना है। इस संदर्भ में पार्टी नेताओं ने सुझाव दिया है कि थोड़े समय में फिर से जनगणना कराई जाए। हम रिपोर्ट को खारिज नहीं करेंगे। रिपोर्ट को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है।

 

इसे भी पढ़ें: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कोर्ट में कर्नाटक सरकार का बड़ा बयान, BCCI-RCB को ठहराया जिम्मेदार


कंथराज आयोग की रिपोर्ट पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के फैसले से अपनी निराशा के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "हम पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा तय किए गए अनुसार कार्रवाई करेंगे। यह हमारा फैसला नहीं है।" इससे पहले 10 जून को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा था कि आंकड़ों की पवित्रता पर विभिन्न समुदायों के संदेह को दूर करने के लिए जाति जनगणना फिर से की जाएगी।

 

इसे भी पढ़ें: पारदर्शी तरीके से होगी नयी जाति जनगणना, मंत्रिमंडल समयसीमा तय करेगा: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री


उन्होंने मीडिया से कहा, "पहले की जाति जनगणना के आंकड़ों की सटीकता और कुछ समुदायों के कम प्रतिनिधित्व की चिंताओं को दूर करने का फैसला किया गया है। एक बार फिर घर-घर जाकर और ऑनलाइन सर्वेक्षण के जरिए डेटा एकत्र किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया बेहद पारदर्शी तरीके से की जाएगी।" शिवकुमार ने कहा, "एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सीएम और मुझसे पार्टी संगठन, राज्य की राजनीति और भगदड़ की घटना सहित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।"

प्रमुख खबरें

New Zealand की आसान जीत, जैकब डफी ने झटके पांच विकेट और वेस्टइंडीज पर दबदबा

Vinesh Phogat की दमदार वापसी, 18 माह बाद कुश्ती में लौटेंगी, लॉस एंजेलिस 2028 की करेंगी तैयारी

Lionel Messi India Tour 2025: मेसी का भारत दौरा शुरू, चैरिटी शो और 7v7 मैच में लेंगे हिस्सा

IndiGo Flight Crisis: डीजीसीए ने सीईओ को तलब किया, जांच और मुआवज़े पर सवाल तेज