बेंगलुरु भगदड़ मामले में कोर्ट में कर्नाटक सरकार का बड़ा बयान, BCCI-RCB को ठहराया जिम्मेदार

Begaluru stampede
प्रतिरूप फोटो
PTI
Kusum । Jun 11 2025 2:14PM

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए आरसीबी के जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ मामले में अब कर्नाटक सरकार ने बड़ा बयान दिया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने स्पष्ट रूप से बीसीसीआई और आरसीबी को इस हादसे का जिम्मेदार बताया है।

4 जून को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए आरसीबी के जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़  मामले में अब कर्नाटक सरकार ने बड़ा बयान दिया है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने स्पष्ट रूप से बीसीसीआई और आरसीबी को इस हादसे का जिम्मेदार बताया है। 

कर्नाटक सरकार ने बुधवार को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडिमय के बाहर हुई भगदड़ के लिए आरसीबी और बीसीसीआई को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी। सरकार ने हाईकोर्ट में बताया कि इस इवेंट के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी और आयोजकों ने सोशल मीडिया के जरिए पूरी दुनिया को बुला लिया था। 

बता दें कि, ये बात उस समय सामने आई जब कोर्ट में चार लोगों की याचिका पर सुनवाई हुई जिनमें आरसीबी के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले भी शामिल हैं। इन लोगों ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जज एस आर कृष्ण कुमार की सिंगल बेंच कर रही है। 

राज्य सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कोर्ट में कहा कि आरसीबी ने 29 मई को पंजाब के खिलाफ मैच जीत लिया ता और उन्हें पता था कि वे फाइनल में पहुंच चुके हैं। बावजूद इसके उन्होंने ना तो जीत का जुलूस निकालने की अनुमति ली और ना ही स्टेडियम में जश्न मनाने के लिए परमिशन मांगी। 

शेट्टी ने आगे बताया कि 3 जून को मैच शुरू होने से पहले सिर्फ एक घंटे पहले आयोजकों ने प्रशासन को एक चिट्ठी दी जिसमें लिखा था कि वे विक्ट्री परेड आयोजित करेंगे। यानी वे इजाजत नहीं मांग रहे थे बस अपने प्लान की जानकारी दे रहे थे। 

बावजूद इसके आरसीबी ने 3 जून की रात 11.30 बजे से लेकर 4 जून की सुबह तक सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए, जिनमें फैंस को विक्ट्री परेड और सेलिब्रेशन में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। 

वहीं एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा कि ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्होंने पूरी दुनिया को बुला लिया हो। उन्होंने बताया कि स्टेडियम के बाहर करीब 3.5 से 4 लाख लोग पहुंच गए जबकि स्टेडियम की क्षमता सिर्फ 33,000 लोगों की थी। उन्होंने ये भी कहा कि आयोजकों ने कभी ये नहीं बताया कि किसे अंदर आने दिया जाएगा। उनकी सोशल मीडिया पोस्ट में सिर्फ इतना लिखा था कि सभी फैंस आएं और टीम के लिए चीयर करें।

सरकार ने भी कोर्ट को बताया कि आरसीबी और बीसीसीआई के बीच गेट मैनेजमेंट, टिकटिंग और सुरक्षा को लेकर एक समझौता हुआ था। जिसके अनुसार भीड़ को संभालने की पूरी जिम्मेदारी फ्रेंचाइजी और क्रिकेट बोर्ड की थी। पहले कहा गया था कि इस इवेंट के लिए DNA एंटरटेनमेंट कंपनी और KSCA के साथ मिलकर तीन पक्षों का समझौता हुआ था लेकिन कोर्ट में इसे गलत बताया गया और सुधार किया गया।  

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़