By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 01, 2019
नयी दिल्ली। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि कुछ राज्यों में विपक्षी दलों के एकजुट होने से भाजपा में खलबली पैदा हो गयी है और उत्तर प्रदेश एवं बिहार में क्षेत्रीय दलों के गठबंधन होने के बाद से राजग के घटक दल एक एक कर कम होने लगे हैं। येचुरी ने माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के आगामी संस्करण में अपने लेख में कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में विखंडित विपक्ष को भाजपा के खिलाफ 69 प्रतिशत मत मिलने के बावजूद भगवा दल को लोकसभा में बहुमत मिल गया। उन्होंने कहा ‘‘लेकिन अब राज्यों के स्तर पर प्रमुख राज्यों में विपक्षी दलों के बीच चुनावी सहयोग की सहमति कायम होने के बाद पिछले चुनाव की तस्वीर इस बार दोहराने की उम्मीद नहीं है। भाजपा खेमे में घबराहट की यही पहली वजह है।’’
येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब सत्ता संभाली थी तब भाजपा की अगुवाई वाले राजग के घटक दलों की संख्या 42 थी। अब इनमें से तमाम दलों ने खुद को राजग से अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि इनमें राजग के प्रमुख घटक दल और आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ तेदेपा ने भाजपा से नाता तोड़ लिया है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में प्रस्तावित नागरिकता कानून को लेकर उपजे असंतोष के कारण राजग की प्रमुख सहयोगी असम गण परिषद ने भी खुद को गठबंधन से अलग कर लिया है।
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उन्होंने बिहार और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में राजग के घटक दलों में मची भगदड़ और विपक्षी दलों के एकजुट होने को भविष्य के लिये सकारात्मक संकेत बताया। येचुरी ने भाजपा आरएसएस के प्रति देश में उपजे असंतोष को सत्तारूढ़ गठबंधन में बिखराव की वजह बताते हुये सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से भगवा दलों की देश विरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।