By रेनू तिवारी | Aug 13, 2025
अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने दिल्ली-एनसीआर के इलाकों से आवारा कुत्तों को आठ हफ़्तों के भीतर आश्रय गृहों में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह निर्देश दर्शाता है कि एक समाज के रूप में हम कितने "निष्प्राण" हो गए हैं। मंगलवार को, सोनाक्षी ने इंस्टाग्राम स्टोरीज़ पर इस आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसके बाद गरमागरम बहस और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। लोग सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के खिलाफ नारे लगा रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
सोनाक्षी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “दिन-ब-दिन हम यह दिखा रहे हैं कि एक समाज के रूप में हम कितने भावशून्य हो गए हैं। हर दिन निराशाजनक है।” उन्होंने लिखा, “आवारा कुत्ते कोई समस्या नहीं हैं। वे पीड़ित हैं। भय, भूख, बीमारी, उपेक्षा, क्रूरता और परित्याग के शिकार। वे बिना आश्रय, बिना टीकाकरण, बिना नसबंदी के रहते हैं। सड़कों पर बच्चों को जन्म देते हैं, और अपने बच्चों को भी इसी तरह के हालात का सामना करते देखते हैं।”
उन्होंने कहा कि कुत्तों को भीड़भाड़ वाले आश्रय स्थलों में भेजने से वे अपनी आजादी खो देंगे। यह पशु कल्याण नहीं है। आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण ही असली व मानवीय समाधान है। वीर दास, जाह्नवी कपूर, वरुण धवन और वरुण ग्रोवर समेत कई हस्तियों ने इस निर्देश की आलोचना की है। जॉन अब्राहम ने भी उच्चतम न्यायालय और दिल्ली सरकार को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है।
न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि आवारा कुत्तों के काटने से खासकर बच्चों में रेबीज होने की समस्या बेहद गंभीर है। अदालत ने दिल्ली के अधिकारियों को छह से आठ हफ्तों में लगभग 5,000 कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने का काम शुरू करने का निर्देश दिया है।