By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 21, 2018
नयी दिल्ली। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि ‘विभाजन, नफरत और कट्टरता’ फैलाने वाली ताकतों से सभी को मिलकर लड़ना है। गांधी राजीव गांधी की जयंती पर आयोजित ‘राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार’ समारोह के मौके पर बोल रही थीं। यह पुरस्कार पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी को दिया गया। उन्होंने राजीव गांधी के सद्भावना से जुड़े नजरिए को रखते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का यह नजरिया आज भी प्रासंगिक है।
संप्रग प्रमुख ने कहा, ‘राजीव गांधी आज होते तो 74 साल के होते। उनका राजनीतिक जीवन बहुत छोटा था, लेकिन इसमें भी उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को नयी दिशा दी। उन्होंने राजनीतिक व्यवस्था को बदलने, पंचायत और नगर पालिका को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मतदान की उम्र को 18 साल किया।’ उन्होंने कहा, ‘राजीव गांधी यह मानते थे कि भारत की एकता उसकी विविधिता से आती है और इससे ही मजबूत होती है। यही सद्भावना का मतलब है। उनके नजरिए की आज के समय में भी बहुत प्रासंगिकता है।’
सोनिया ने कहा, ‘वह तेज आर्थिक विकास और आर्थिक आधुनिकीकरण व भारत को प्रौद्योगिकी की शक्ति बनने के पैरोकार थे। इसके साथ ही वह समृद्धि बढ़ाने और सामाजिक उदावाद को एक ही सिक्के का दो पहलू मानते थे।’ उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि अर्थव्यवस्था को उदार बनाना और मानसिकता को संकीर्ण करना खतरनाक एवं विध्वंसक मिश्रण है।’
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हम सामूहिक रूप से संकल्प लेते हैं कि हम विभाजन, नफरत और कट्टरता फैलाने वाली ताकतों से मिलकर लड़ेंगे।’ उन्होंने गोपाल कृष्ण गांधी की तारीफ करते हुए कहा, ‘वह विशिष्ठ लोक सेवक, प्रशासक, राजनयिक और राज्यपाल रहे हैं। वह हमारे संविधान में दिए मूल्यों के धुर पैरोकार हैं।’