By Prabhasakshi News Desk | Nov 25, 2024
नयी दिल्ली । साख निर्धारित करने वाली एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अगले दो वित्त वर्षों के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को कम कर दिया है। इसका कारण उच्च ब्याज दर से शहरी मांग में कमी आना है। अमेरिकी चुनाव परिणामों के बाद एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाओं के लिए अपने आर्थिक पूर्वानुमान को अद्यतन करने हुए रेटिंग एजेंसी ने वित्त 2025-26 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि6.7 प्रतिशत दर और उसके अगले वित्त 2026-27 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह पिछले अनुमानों क्रमशः 6.9 प्रतिशत और सात प्रतिशत से कम है।
एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया हे। रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2027-28 में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहेगी। एसएंडपी ने चीन के लिए 2024 में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान बरकरार रखा, लेकिन अगले वर्ष के लिए पूर्वानुमान को पहले के 4.3 प्रतिशत से घटाकर 4.1 प्रतिशत कर दिया तथा 2026 के लिए 4.5 प्रतिशत के पिछले अनुमान को घटाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया-प्रशांत) लुइस कुइज ने कहा कि बढ़ते जोखिम 2025 की पहली तिमाही में एशिया-प्रशांत के लिए आर्थिक दृष्टिकोण को धुंधला कर रहे हैं।