लोक ऋण रजिस्ट्री के लिए बने एक विशेष कानून: रिजर्व बैंक

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 21, 2018

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल वी. आचार्य ने कहा कि प्रस्तावित लोक ऋण रजिस्ट्री की स्थापना के लिए एक विशेष कानून बनाया जाना चाहिए। इसके प्रभाव में आने से वित्तीय प्रणाली में आंकड़ों के उपलब्धता समाधान में मदद मिलेगी। साथ ही बढ़ते फंसे ऋण से भी बचाव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह कानून इस क्षेत्र से जुड़े तमाम मुद्दों को शामिल करने वाला एक व्यापक कानून होना चाहिए।

आचार्य ने कहा कि देश में ऋण और जीडीपी का अनुपात 55.7% है। अभी भी देश में वित्तीय पहुंच बहुत कम हैं और प्रस्तावित लोक ऋण रजिस्ट्री से वित्तीय प्रणाली को तेज करने में मदद मिलेगी। इससे ऋण का वितरण अधिक न्यायसंगत और समयबद्ध हो सकेगा। यह ऋण वितरण को अधिक लोकतांत्रिक और औपचारिक बनाएगा और अभी जिन क्षेत्रों को जोखिम के चलते ऋण नहीं दिया जाता है, वहां भी ऋण वितरण बढ़ सकेगा।

बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के 2017 के चौथी तिमाही के आंकड़ों के अनुसार भारत का ऋण-जीडीपी अनुपात 55.7% रहा है। जबकि चीन में यह 208.7%, ब्रिटेन में 170.5% और अमेरिका में 152.2% है। नार्वे इस चार्ट में 245.6 प्रतिशत के अनुपात के साथ सबसे ऊपर है।

प्रमुख खबरें

महाराष्ट्र के धाराशिव में मतदान केंद्र के बाहर निजी रंजिश के चलते व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या

क्या अल्पमत में है हरियाणा नायब सरकार! तीन निर्दलीय विधायकों ने लिया अपना समर्थन वापस

Congress की सरकार आने पर SC/ST से छीनकर धार्मिक आधार पर दिया जाएगा आरक्षण? PM मोदी ने शहजादे की कौन सी खतरनाक चाल का किया जिक्र

Summer Coolers Recipe: चिलचिलाती गर्मी को मात देने के लिए, घर पर आसानी से बनाएं समर ड्रिंक्स