मुंबई। लेखक, गीतकार और कवि जावेद अख्तर ने हर किसी के चेहरे में मुस्कान और संजीदगी पैदा की है। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्में जावेद साहब आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनकी पढ़ाई लखनऊ में हुई। जावेद साहब के घर का माहौल पहले से ही कविता और नज्मों से भरा हुआ था। उनके पिता निसार निसार अख्तर बॉलीवुड गीतकार और कवि थे और उनकी मां सफिया अख्तर भी एक सिंगर, टीचर और लेखिका थीं।
फिल्म जगत में जावेद अख़्तर का नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। 70 से 80 के दशक में सलीम के साथ जावेद साहब की जोड़ी काफी मशहूर थी। दोनों ने एक साथ अंदाज, यादों की बारात, जंजीर, दीवार, हाथी मेरे साथी और शोले जैसे फिल्मों की पटकथा लिखी हैं। इन लोगों को बॉलीवुड में सलीम-जावेद के नाम से पहचान मिली थी।
जावेद साहब को साल 1999 को पद्म भूषण और 2007 में पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है। वहीं जावेद साहब की पहली पत्नी हनी ईरानी भी पटकथा लेखक थीं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि हनी ईरानी का भी जन्मदिन 17 जनवरी को ही आता है। साल 1972 में दोनों ने शादी की थी। हालांकि तलाक के बाद भी दोनों के बीच दोस्ती बरकरार रहीं।
इनके दो बच्चे हैं फरहान और जोया अख्तर। तलाक के बाद जावेद साहब बच्चों से मिलने घर आते थे और हनी ने कफी भी बच्चों को उनके पिता के करीब जाने से रोका नहीं। यही वजह है कि आज दोनों के बीच का रिश्ता काफी मजबूत हो चुका हैं। तलाक के बाद साल 1984 में जावेद साहब ने अभिनेत्री शबाना आजमी से दूसरी शादी कर ली।
इन लोगों के बीच रिश्तों में कभी खटाश देखने को नहीं मिली हनी ईरानी और शबाना आजमी भले ही एक दूसरी की अच्छी दोस्त न हो लेकिन उन्होंने कभी भी एक दूसरे के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की।