By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 25, 2020
नयी दिल्ली। खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है जो मंत्रालय को राष्ट्रीय खेल संघों (एनएफएस) को मान्यता देने पर कोई भी निर्णय लेने से रोकता है। यह मामला 2010 में दायर एक याचिका से संबंधित है जिसमें अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत से केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि आईओए और एनएसएफ अपने कर्तव्यों का पालन करें ताकि देश में खेल प्रशासन में सुधार हो सके। इस साल फरवरी में, दिल्ली उच्च न्यायाल ने मंत्रालय को एनएसएफ पर अदालत के परामर्श के बिना कोई भी निर्णय लेने से रोक लगा दिया था। इसके बाद मंत्रालय को विभिन्न खेलों के 57 एनएसएफ को दी गई मान्यता वापस लेनी पड़ी, जिससे उनके प्रशासनिक कार्यों में बाधा पड़ी। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम एक या दो दिन में विशेष अनुमति याचिका दायर करेंगे। हम दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दे रहे हैं जिसमें कहा गया है कि मंत्रालय अदालत को बिना बताये खेल संघों से संबंधित कोई भी निर्णय न लें।’’
आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और सचिव राजीव मेहता ने भी एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि वे भी शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे क्योंकि क्योंकि इस मामले में आईओए भी एक पक्ष है। बयान के मुताबिक, ‘‘ हम (आईओए) राहुल मेहरा मामले की याचिका के संबंध में जल्द ही माननीय उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं।’’ इससे पहले सात अगस्त को मंत्रालय ने सात अगस्त को उच्च न्यायालय से आदेश में बदलावऔर कम से कम एनएसएफ को मान्यता प्राप्त करनी अनुमति देने का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया औरराष्ट्रीय खेल संहिता अनुपालन रिपोर्ट की मांग की। इसके बाद मंत्रालय ने एनएसएफ को एक प्रश्नावली भेजकर उनके पदाधिकारियों की उम्र और कार्यकाल का विवरण मांगा। कुल 56 एनएसएफ ने इसका जवाब दिया। इस मामले की सुनवाई 21 अगस्त को उच्च न्यायालय में होनी थी। इसे हालांकि 18 सितंबर तक टाल दिया गया।