हवा की गुणवत्ता बेहतर रखने के लिये राज्य सरकारें जरूरी कदम उठायें: हर्षवर्धन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 27, 2018

नयी दिल्ली। केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता के मौजूदा बेहतर स्तर को बरकरार रखने के लिये संबद्ध राज्य सरकारों को आवश्यक कदम उठाने को कहा है। डा. हर्षवर्धन ने दिल्ली एनसीआर से संबद्ध पांच राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ गुरुवार को समीक्षा बैठक कर उन्हें सर्दी के आसन्न मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंका के मद्देनजर स्थिति से निपटने के ऐहतियाती उपायों पर अभी से अमल करने को कहा है। 

 

उन्होंने कहा कि हवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये प्रस्तावित केन्द्रीय वित्तीय सहायता के रूप में केन्द्र सरकार द्वारा 1150 करोड़ रुपये राशि सभी संबद्ध राज्य सरकारों को मुहैया करा दी गयी है। मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार डा. हर्षवर्धन ने केन्द्रीय सहायता राशि की मदद से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने पर प्रभावी रूप से रोक लगाने एवं अन्य कारगर उपाय करने के लिये कहा है। उन्होंने दिल्ली सरकार से केन्द्र सरकार द्वारा शहरी विकास कोष से जारी राशि से सड़कों की सफाई और पानी के छिड़काव के लिये जरूरी मशीनें खरीदने को कहा। जिससे धूल उड़ने से रोकी जा सके। 

 

बैठक में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के पर्यावरण मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। डा. हर्षवर्धन ने राज्य सरकारों की सभी एजेंसियों को भी हवा की गुणवत्ता को बेहतर करने के जरूरी उपाय तत्परता से लागू करने का निर्देश दिया। 

 

उल्लेखनीय है कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में सर्दी के मौसम में हवा की गुणवत्ता का स्तर पिछले सालों की तुलना में सुधरा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार हवा की बेहतर गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 2017 में 144 से बढ़कर 2018 में 149 हो गयी है। इसी तरह हवा की खराब गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या 2017 में 125 से घटकर 2018 में 120 रह गयी है। 

 

बैठक में मौजूद सीपीसीबी के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में 15 सितंबर से 41 निगरानी दल तैनात कर दिये गये हैं। ये पूरे इलाके में प्रदूषण पर नियंत्रण के उपायों को लागू करने की लगातार निगरानी कर रहे हैं। इसमें निर्माण परियोजनाओं, ईंट भट्टों और औद्योगिक क्षेत्रों सहित अन्य इलाकों में पर्यावरण मानकों का पालन सुनिश्चित करने की लगातार निगरानी की जा रही है। 

 

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