अलीगढ़ के प्रभावित इलाकों में तनावपूर्ण शांति, 350 के खिलाफ मामला दर्ज

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 25, 2020

अलीगढ़ (उप्र)। सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच रविवार को हुई हिंसक झड़प के बाद अलीगढ़ शहर कोतवाली और दिल्ली गेट इलाकों में सोमवार को तनावपूर्ण शांति रही। आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने बताया कि रविवार शाम को हुई वारदात के बाद से अब तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।पुराने शहर के प्रभावित इलाकों में सोमवार को कुछ दुकानें खुलीं, मगर ज्यादातर के शटर बंद रहे। जिला प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और दुकानदारों में विश्वास भरने की कोशिश की जा रही है कि वे निडर होकर अपनी दुकानें खोलें। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कल हुई हिंसा की घटना में 350 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिसमें 40 लोग नामजद हैं। ये सभी मामले कोतवाली, दिल्ली गेट और सिविल लाइन्स इलाके के थानों में दर्ज किए गए हैं। 

अपर पुलिस महानिदेशक आनंद के मुताबिक रविवार को अपर कोट इलाके में हुई हिंसा में गोली लगने से घायल 22 वर्षीय तारिक की हालत अब स्थिर है और उसे जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में ऑपरेशन के बाद ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती किया गया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर उसे दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया जाएगा। हालांकि डॉक्टर उसकी स्थिति को लेकर संतुष्ट हैं।आनंद ने कहा कि पुलिस रविवार को हुई हिंसक घटनाओं में शामिल अराजक तत्वों की पहचान करने में जुटी है और उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।उन्होंने कहा कि कार्रवाई के साथ-साथ प्रभावित इलाकों में धर्मगुरुओं की मदद से स्थिति सामान्य करने का प्रयास भी किया जा रहा है। इस बीच, जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में इंटरनेट सेवाएं सोमवार आधी रात तक बंद रहेंगी।

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उधर, लखनऊ में जारी एक बयान में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचाने के लिए सीएए और एनआरसी के विरोध में जारी धरना प्रदर्शन में सत्ता का दमन जारी है। अलीगढ़ में पुलिस द्वारा महिलाओं पर लाठीचार्ज निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दों पर असहमति प्रदर्शित करने के लिए धरना दे रही महिलाओं के साथ भाजपा सरकार लगातार बदसलूकी करती रही है। लोकतंत्र में इसकी कतई इजाजत नहीं दी जा सकती है। लोकतांत्रिक प्रणाली में असहमति को स्वीकृति दी जाती है और यह नागरिकों का संवैधानिक अधिकार है।गौरतलब है कि पुलिस ने रविवार को अपर कोट क्षेत्र में महिला प्रदर्शनकारियों को यह कहते हुए रोकने की कोशिश की कि ईदगाह इलाके में सीएए के खिलाफ पिछले शनिवार से ही प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे में प्रदर्शनकारियों को कोतवाली के नजदीक प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती।शहर मुफ्ती अब्दुल खालिद समेत प्रबुद्ध मुस्लिम वर्ग के लोगों की मदद से हालात को संभालने की कोशिश की जा रही थी कि तभी भीड़ में से किसी ने पथराव शुरू कर दिया। उसके बाद स्थिति बिगड़ने लगी। भीड़ को तितर—बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल किया। इस संघर्ष में पांच लोग घायल हो गए थे।

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