By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 06, 2023
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में इंटरनेट सेवाएं बार-बार बंद किए जाने के खिलाफ दायर राज्य के दो निवासियों की याचिका पर सुनवाई करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि मणिपुर उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ पहले ही इस मामले की सुनवाई कर रही है। पीठ ने कहा कि इस मामले में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है और उसे यह समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है कि क्या राज्य में इंटरनेट सेवाएं बहाल की जा सकती हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील शादान फरासत ने कहा कि यह मामला मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं को प्रतिबंधित किए जाने से जुड़ा है।
पीठ ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 226 के तहत एक याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है। इस तथ्य के बीच फरासत ने इस चरण पर लंबित मामले को वापस लेने और उसमें हस्तक्षेप करने या उच्च न्यायालय के समक्ष एक स्वतंत्र याचिका दायर करने की अनुमति मांगी है। हम सभी अधिकारों और वाद को खुला रखते हुए उन्हें ऐसा करने की अनुमति देते हैं।’’ शीर्ष अदालत चोंगथम विक्टर सिंह और मायेंगबाम जेम्स की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में कहा गया है कि इंटरनेट बंद किए जाने का कदम भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार और संवैधानिक रूप से संरक्षित इंटरनेट के माध्यम का उपयोग करके किसी भी व्यापार या व्यवसाय को करने के अधिकार में हस्तक्षेप करता है और इस तरह यह ‘‘पूरी तरह से असंगत’’ है।