सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर विस भंग करने के फैसले के खिलाफ याचिका खारिज की

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 10, 2018

 नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा, ‘‘ हम दखल नहीं देना चाहते (राज्यपाल के फैसले में)।’’ पीठ भाजपा नेता गगन भगत की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। भगत भंग विधानसभा के सदस्य थे।

 

राज्यपाल ने नाटकीय घटनाक्रम में, निलंबित जम्मू-कश्मीर विधानसभा को 21 नवंबर को आनन-फानन में भंग कर दिया था। इसके कुछ ही घंटे पहले पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने प्रतिद्वंद्वी नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इसके बाद दो सदस्यीय पीपल्स कॉन्फ्रेंस ने भाजपा और अन्य दलों के 18 विधायकों के समर्थन के दम पर सरकार बनाने दावा पेश किया था।

 

यह भी पढ़ें: उपेंद्र कुशवाहा का केंद्रीय मंत्री से इस्तीफा, विपक्षी एकता बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे

 

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को पत्र भेज कहा था कि उनकी पार्टी के 29 विधायक हैं और उसे नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15 विधायकों तथा कांग्रेस के 12 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। राज्यपाल द्वारा विधान सभा भंग करने निर्णय की घोषणा राज भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में की गयी थी। छह महीने का राज्यपाल शासन 18 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा। विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर 2020 तक है। महबूबा मुफ्ती नीत पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार के पतन के बाद 19 जून को राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था।

प्रमुख खबरें

Port Blair हवाई अड्डे को रात में विमान उतारने, उड़ान भरने की सुविधा मिली

America का अन्य देशों से Sudan को हथियारों की आपूर्ति बंद करने का आग्रह, नये नरसंहार की दी चेतावनी

सेक्स स्कैंडल मामले में कर्नाटक के सांसद प्रज्वल रेवन्ना को जेडीएस से किया गया निलंबित, कुमारस्वामी का दावा, कर्नाटक सरकार के नेताओं की सीधी भूमिका

Rajasthan के झालावाड़ में रिश्तेदार ने 19 साल के किशोर की हथौड़ा मार कर हत्या की