By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 19, 2025
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (आईएचएफएल) के खिलाफ ‘संदिग्ध लेनदेन’ के आरोपों की जांच करने में अनिच्छा के चलते सीबीआई और सेबी को फटकार लगाई। न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक को मामले की जांच के लिए सेबी, एसएफआईओ और ईडी के साथ बैठक करने का आदेश भी दिया।
आईएचएफएल को अब सम्मान कैपिटल लिमिटेड के नाम से जाना जाता है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने आईएचएफएल के कई अपराधों को एक साथ करने के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) की भी खिंचाई की।
पीठ ने विभिन्न मामलों में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा अवैधताओं की जांच के अपने अधिकार क्षेत्र को लेकर अपनाए गए ‘दोहरे मापदंड’ पर बाजार नियामक की कड़ी आलोचना की।
शीर्ष अदालत ने पूछा कि अधिकारियों को एफआईआर दर्ज करने और आरोपों की जांच करने से क्या रोक रहा है। न्यायालय ने कहा कि सीबीआई निदेशक द्वारा सेबी, एसएफआईओ और ईडी के अधिकारियों के साथ की जाने वाली बैठक के लिए एमसीए द्वारा मामलों को बंद करने से कोई बाधा नहीं आएगी। पीठ ने यह भी कहा कि एनजीओ ‘सिटिजन्स व्हिसल ब्लोअर फोरम’ के सभी आरोपों की जांच की जाएगी, जिसका प्रतिनिधित्व अधिवक्ता प्रशांत भूषण कर रहे हैं।