By अभिनय आकाश | Nov 10, 2025
कहते हैं कि हाथी के दांत खाने के अलग होते हैं और दिखाने के अलग होते हैं। यह बात ट्रंप साहब के ऊपर बिल्कुल फिट बैठती है। अभी कुछ ही दिन पहले की तो बात थी। ट्रंप दुनिया को ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वह शांति के दूत हैं। अमेरिका से बेहतर कोई देश नहीं है जो शांति चाहता है। ट्रंप ने ऐलान कर दिया पूरी दुनिया के सामने कि हमने तो दुनियाभर के युद्ध रुकवा दिए। भारत और पाकिस्तान का युद्ध हमने रुकवाया। हम पूरी दुनिया में शांति चाहते हैं। वजह क्या थी आप सब जानते हैं? नोबेल पुरस्कार लेना। लेकिन सपना टूट गया। दिल के अरमां आसुओं में बह गए। ट्रंप साहब को पता चल गई कि उनकी हकीकत क्या है कि दुनिया क्या सोचती है। अमेरिका की क्या नीति रही है। अमेरिका का हमेशा से चेहरा कुछ और होता है। पर्दे के पीछे कुछ और होता है। अमेरिका जो बात करता है कि वो पूरी दुनिया से आतंकवाद को मिटाने की तरफ कदम उठाता है। पूरी दुनिया से आतंकियों के ऊपर बैन लगा देगा। आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देता है। अमेरिका का असली चेहरा उजागर होता नजर आ रहा है।
पिछले 10 सालों में सीरिया में जो लड़ाई चल रही उसका कारण सीरिया में 90% सुन्नी हैं और 10% शिया आबादी है। लेकिन सुन्नी बहुल देश में शिया शासन बरसों बरस तक चलता आया। जिसे कहा जाता है कि रूस की बैकिंग थी। बसर अल असद की सरकार को हटाने के लिए अमेरिका ने 2016 से इतनी रणनीति बनाई और अलसारा को हथियार दिया। वह एक एक तरह से वह चीजों को गृह युद्ध में शामिल किया और फिर जो वहां की सुन्नी जो सबसे ज्यादा थे बहुमत में थे लड़ाई जारी रही। बाद में बशर अल असद को देश छोड़कर भागना पड़ा और रूस में शरण लेनी पड़ी। सीरिया में अमेरिका का मकसद पूरा हुआ और कार्यवाहक राष्ट्रपति अलसारा ने कमान संभाली। खैर आपका ट्रंप के इस फैसले पर क्या कहना है कि पहले तो उस पर इनाम रख देते हैं और फिर उसी के साथ दोस्ती करने लग जाते हैं। हाथ मिलाने लगते हैं।
सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा अमेरिकी दौरे पर पहुंचे हैं। यह 1946 के बाद पहली बार सीरिया के किसी राष्ट्रपति का अमेरिकी दौरा है। अहमद अल शरा सोमवार को राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इससे पहले दोनों की मुलाकात इसी साल मई में सऊदी अरब में हुई थी। राष्ट्रपति शरा का अमेरिका के साथ इतिहास कुछ खास अच्छा नहीं था। अल शरा का नाम अमेरिका ने आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल कर रखा था। दौरे से एक दिन पहले उनका नाम आतंकवादी की लिस्ट से हटाया गया। शरा के संगठन हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएच) का अल कायदा ग्रुप के साथ भी कनेक्शन रहा है। इसकी वजह से शरा का नाम अमेरिकी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल था। अमेरिका में शरा के खिलाफ अलग-अलग आतंकी गतिविधियों के मामले में एक करोड़ डॉलर का इनाम भी घोषित था। संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की सूची से बाहर आने के बाद सीरियाई राष्ट्रपति शरा ने यूएनजीए को संबोधित किया। शरा ऐसा करने वाले पहले सीरियाई राष्ट्रपति बने।
ट्रम्प के सत्ता में लौटने के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसीम मुनीर 2 बार अमेरिका जा चुके हैं। जून और सितंबर 2025 में पहली यात्रा में उन्हें व्हाइट हाउस में ओवल ऑफिस लंच मीटिंग का न्योता मिला, जहां टम्प ने मंच से क्षेत्रीय स्थिरता में अहम भूमिका निभाने के लिए उनका खुलकर आभार जताया। दूसरी यात्रा में उन्होंने पाक पीएम शहबाज शरीफ के साथ मिलकर वार्ता की। सितंबर दौरे में मुनीर अपने साथ पाकिस्तान के दुर्लभ खनिजों के सैंपल लेकर बाइट हाउस पहुंचे, जिन्हें ट्रम्प के सामने साझा निवेश प्रस्ताव के रूप में पेश किया गया। पाकिस्तान ने पासनी पोर्ट को अमेरिकी प्रबंधन के हवाले देने की तैयारी भी शुरू की, ताकि चीन के दबदबे को संतुलित किया जा सके।
ट्रंप ने जुलाई 2025 में म्यांमार की सैन्य शासन व्यवस्था के प्रमुख मिन आंग हाइंग के करीबियों और उनकी कंपनियों पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने का ऐलान किया है। हाइंग 2021 के तख्तापलट के बाद देश के शीर्ष सैन्य जनरल बने थे। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि म्यांमार में भारी मात्रा में रेयर अर्थ मिनरल्स पाए जाते हैं- जो उच्च-प्रौद्योगिकी और रक्षा उद्योग के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। अमेरिका इसके जरिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है और म्यांमार के संसाधनों के द्वार खोलने की दिशा में पहला संकेत मिला है। विश्लेषक बताते हैं कि म्यांमार से चीन को भेजे जाने वाले हिस्से में हैं भारी मात्रा में डिसप्रोशियम, टरबियम जैसे हैवी रेयर अर्थ मिनरल्स हैं-जो ईवी, टरबाइन और हाई लेवल मेग्नेट बनाने में इस्तेमाल होता है।
अफगानिस्तान से रूसियों को हटाने के लिए सोवियत संघ को हटाने के लिए अमेरिका ने वहां पर मुजाहिदों की फौज खड़ी की और उन्हें ट्रेनिंग से लेकर फंडिग भी दी। जनरल जिया से लेकर परवेज मुशर्रफ तक इतना डॉलर बांटे कि अब वही तालिबान उनके लिए खतरा बना तो अल जवाहरी और बगदादी और ओसामा बिन लादेन को उन्होंने पैदा किया। अरबों बिलियन डॉलर देकर बनाया और फिर उन्हीं को मारना पड़ा।
अमेरिका ने मार्च 2025 में हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी, साथ में उनके भाई अब्दुल अजीज और भाई याहह्या हक्कानी पर लगे इनाम (बाउंटी) आधिकारिक रूप से हटा दिए। हालांकि ये अभी भी विशेष रूप से नामांकित वैश्विक आतंकवादी सूची में हैं। अमेरिका ने इसके बदले अफगानिस्तान में अमेरिकी नागरिकों और पूर्व गठबंधन सैनिकों की रिहाई या सुरक्षित वापसी, आतंकवादी गुटों को अफगान जमीन से अमेरिकी या सहयोगी दलों पर हमले न करने देना और क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में तालिबान/हक्कानी नेटवर्क की वैकल्पिक छवि प्रस्तुत करना।