भारत के सख्त इनकार के बावजूद Shehbaz Sharif ने ट्रंप को दिया संघर्ष सुलझाने का श्रेय

Shehbaz Sharif
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एकता । Nov 9 2025 3:51PM

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मई में हुए भारत-पाकिस्तान संघर्ष को सुलझाने का श्रेय एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप को दिया है, जबकि भारत लगातार किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार करता रहा है। शरीफ ने ट्रंप की 'साहसिक और निर्णायक लीडरशिप' की सराहना करते हुए संघर्षविराम को दक्षिण एशिया में शांति बहाली का कारक बताया, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मध्यस्थता की भूमिका पर अलग-अलग दृष्टिकोण को उजागर करता है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मई में हुए भारत-पाकिस्तान सीमा संघर्ष को सुलझाने के लिए एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया है। हालांकि, भारत लगातार यह कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते में किसी तीसरे पक्ष की कोई मध्यस्थता नहीं थी।

शरीफ ने ट्रंप की तारीफ की

शरीफ ने शनिवार को बाकू में अजरबैजान की 'विक्ट्री डे परेड' को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, 'यह राष्ट्रपति ट्रंप की बोल्ड और निर्णायक लीडरशिप थी जिसने पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्षविराम करवाया, जिससे दक्षिण एशिया में शांति बहाल हुई, एक बड़ा युद्ध टल गया और लाखों लोगों की जान बच गई।'

10 मई को ट्रंप ने घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में हुई लंबी रात की बातचीत के बाद दोनों देश पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम पर सहमत हुए थे। पाकिस्तान कई मौकों पर ट्रंप के इस दावे की तारीफ कर चुका है।

भारत ने मध्यस्थता से किया इंकार

भारत ने शुरू से ही इस बात से इंकार किया है कि मई में दोनों देशों के बीच तनाव खत्म करने में किसी तीसरे पक्ष का कोई दखल था। नई दिल्ली लगातार यह कहती रही है कि 10 मई को चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद, भारत और पाकिस्तान आपसी समझौते पर पहुंचे थे।

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भारत-पाकिस्तान संघर्ष

भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम हमले में 26 आम नागरिकों के मारे जाने के जवाब में की गई थी, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

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शरीफ ने भाषण में और क्या कहा?

अपने भाषण में, शरीफ ने कश्मीर का भी जिक्र किया और कहा कि काराबाख में अजरबैजान की जीत उन सभी देशों के लिए उम्मीद की किरण है जो ज़ुल्म के खिलाफ लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन वह किसी को भी अपनी संप्रभुता को चुनौती देने या क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने की इजाजत नहीं देगा। परेड में अजरबैजानी सेना के साथ पाकिस्तान और तुर्की की सैन्य टुकड़ियों ने भी मार्च किया, जिसमें जेएफ-17 थंडर जेट का फ्लाईपास्ट भी शामिल था।

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