'तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत', बोले अमित शाह, वक्फ पर भी दिया बड़ा बयान

By अंकित सिंह | Apr 10, 2025

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम में कहा कि अविभाजित भारत के मुसलमान विभाजन नहीं चाहते थे, जबकि उस समय के कांग्रेस नेता और उनकी तुष्टिकरण की रणनीति विभाजन के लिए जिम्मेदार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज मैं विशेषकर देश के युवाओं से कहना चाहता हूं कि बाकी कुछ भी सहन करना, मगर तुष्टिकरण नहीं। क्योंकि यह ऐसा जहरीला नासूर है जिसे देश से हमेशा के लिए उखाड़कर फेंक देना चाहिए। शाह ने यह भी कहा कि तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत है। ऐसा इसलिए क्योंकि बम धमाकों के समय जो लोग सत्ता में थे, वे उसे प्रत्यर्पित नहीं कर पाए थे, लेकिन हमने यह कर दिखाया!

 

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वक्फ कानून का बचाव करते हुए शाह ने कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज जो गरीब है, ओबीसी है, उनको वक्फ में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए या नहीं मिलना चाहिए। शिया, आगाखानी, दाऊदी बोहरा, महमदिया और अहमदिया... इन सारे मुसलमानों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। वो भी मुसलमान हैं, क्यों नहीं मिलना चाहिए। ये जो अभी वक्फ का बिल आया है वो मुस्लिम समाज के हरेक अंग का प्रतिनिधित्व करने वाला बिल है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने झूठा दावा किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के लागू होने से लोगों की नागरिकता चली जाएगी। हालांकि, सीएए लागू होने के दो साल बाद भी एक भी मुसलमान की नागरिकता नहीं गई है। 


शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इंडी गठबंधन के साथ मिलकर इन बेबुनियाद आरोपों से देश को गुमराह किया और इसके बाद हुई अशांति और हिंसा के लिए वे ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने दावा किया कि मोदी जी को कांग्रेस के लोगों ने जितनी बार गालियां दी हैं, मोदी जी और मजबूत होकर बाहर आए हैं। उनको मालूम नहीं है... हमारा चुनाव चिन्ह कमल है, जो कीचड़ में ही खिलता है। गृह मंत्री ने कहा कि मैं बंगाल की जनता से विनती करना चाहता हूं कि आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बना दीजिए, घुसपैठिए कि समस्या वहीं से समाप्त हो जाएगी।

 

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उन्होंने कहा कि पूरे देश को मालूम है कि बॉर्डर पर फेंसिंग करने के बाद भी लगभग 250 किमी बॉर्डर ऐसी है जहां फेंसिंग हो ही नहीं सकती। क्योंकि नदी, नाले, विकट भौगोलिक परिस्थितियां हैं जिसके चलते फेंसिंग नहीं हो सकती। 400 किमी बॉर्डर ऐसी है जहां पर बंगाल सरकार हमें फेंसिंग करने के लिए भूमि नहीं दे रही है। दूसरी बात, चाहे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी हो... उनका वोटरकार्ड कहां बन रहा है? ये सारे वोटरकार्ड बंगाल के 24 परगना जिले से ही बनता है। उन्होंने कहा कि मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि यहां नरेन्द्र मोदी की सरकार है, भारत की एक इंच जमीन पर भी हम किसी को आंख नहीं डालने देंगे, एंट्री का तो सवाल ही नहीं है। हमारा स्टैंड बहुत स्पष्ट है कि POK हमारा है।

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