By निधि अविनाश | Sep 18, 2021
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने महिलाओं के लिए हर एक दिन मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है। बता दें कि तालिबान ने अब महिलाओं को लेकर एक और फरमान जारी कर दिया है जिसके तहत अब कंधार में टेलीविजन और रेडियो चैनलों पर महिला की आवाजों और म्युज़िक पर बैन लगा दिया है। इससे पहले 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान के डर से कई मीडिया चैनलों की महिला एंकर को नौकरी छोड़ने पर मजबुर होना पड़ा वहीं मीडिया चैनल के परिसर में महिला एकंर की एंट्री पर भी बैन लगा दिया था। हालांकि, काबुल के स्थानीय मीडिया के मुताबिक, कई महिलाओं को ऑफिस में काम करने के लिए बुलाया जा रहा था वहीं तालिबान ने भी पहली बार मीडिया को संबोधित करते हुए साफ कहा था कि महिलाओं को काम करने और उन्हें इस्लामी कानून के तहत हर चीज की अनुमति दी जाएगी।
तालिबान का झूठा वादा
तालिबान चाहे कितने ही वादे कर ले लेकिन झूठ सामने आ ही जाता है। ठीक एक महीने बाद ही अपने वादे से मुकर कर तालिबान का महिलाओं के लिए फिर से पुराना चेहरा देखने को मिल रहा है। मीडिया चैनलों के अनुसार, इस समय अफगानिस्तान की महिलाओं को अपने दैनिक जीवन में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। अपने शासन में 1996 से 2001 तक तालिबान ने महिलाओं के लिए कई फरमान जारी किए थे। छठी से बारहवीं तक के स्कूल खोलने की इजाजत तो दी लेकिन केवल लड़को के लिए। लड़कियों की शिक्षा पर कोई फैसला नहीं सुनाया गया।
तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए नए निर्देश को जरा जान ले
महिलाएं यूनिवर्सिटी जाएंगी तो सभी को अबाया, नकाब या बुर्का पहनना होगा।
लड़कियों को केवल महिला टीचर ही पढ़ाएंगी, अगर महिला टीचर नहीं हुई तो कोई वरिष्ठ उमर्दराज पुरूष टीचर ही लड़कियों को पढ़ा सकेगा।
आपको सुनकर अजीब लगे लेकिन महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अपनी पढ़ाई 5 मिनट पहले खत्म करना होगा।
महिला और पुरूष का कॉलेज में एंट्री करने का गेट अलग-अलग होगा।
महिलाएं बाहर निकलेगी तो केवल एक पुरुष रिश्तेदार के साथ ही।