By अभिनय आकाश | Jun 19, 2025
हाफिज सईद की आतंकवादी गतिविधियां विशेष रूप से भारत के खिलाफ केंद्रित रही हैं। उसकी अगुवाई में लश्कर ए तैयबा ने भारत में कई बड़े हमलों को भारत में अंजाम दिया है। 2001 का संसद हमला हो या 2006 के मुंबई ट्रेन धमाके, 2008 का 26/11 हो या 2016 का पठानकोट हमला इन सब हमलों के पीछे लश्कर ए तैयबा आतंकवादी का हाथ रहा है।
2001 संसद अटैक: कुछ तारीखें अपने साथ इतिहास लेकर आती हैं। 13 दिसंबर 2001 की तारीख भी अपने साथ एक काला अध्याय इतिहास में दर्ज कराने आई थी। जब देश के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था। महज 45 मिनट में पांच आतंकवादियों ने देश की संसद को घायल कर दिया था।
2006 मुंबई ट्रेन धमाका: 11 जुलाई 2006 पूरे देश के लिए ये दिन रोजमर्रा की तरह ही था, लेकिन मायानगरी मुंबई के लिए ये दिन किसी डरावने सपने से कम नहीं था। इस दिन मुंबई में एक नहीं बल्कि सात बम धमाके हुए थे। लोकल ट्रेनों में एक के बाद एक हुए लगातार 7 बम धमाकों ने मुंबई को दहला कर रख दिया। इन बम धमाकों ने 187 लोगों की जान ले ली और करीब 829 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन हमलों में लश्कर ए तैयबा की संलिप्तता पाई गई। 20 जुलाई से 3 अक्टूबर 2006 के बीच एटीएस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। मामले में आरोप पत्र 30 नवंबर 2006 को दायर किया गया था।
26/11 मुंबई हमला: 26 नवंबर 2008 को वो दिन था जब पूरा देश मुंबई में हुए आतंकी हमले की वजह से सहम गया था। समुद्री रास्ते से आए लश्कर-ए-तयैबा के दस आतंकियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए थे और तीन सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे। आतंकी हमले के खिलाफ आपरेशन चलाने की जिम्मेदारी एनएसजी को सौंपी गई थी। लगभग 60 घंटे तक आपरेशन चला था। 9 आतंकवादियों को मार गिराया गया था जबकि एक आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। जिसे 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई। कसाब से जब पूछताछ हुई तो उसने कबूल किया था कि इस पूरे हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद ही था। आतंकी संगठन जमात-उद-दावा ने मुंबई हमले में मारे गए 10 आतंकियों के लिए पाकिस्तान में प्राथना सभा भी आयोजित की थी। लश्कर ए तैयबा ने कश्मीर में आतंकियों को हथियार और ट्रेनिंग मुहैया कराई। कई बार आतंकी हमले कराए। इन हमलों में हाफिज सईद के करीबी शामिल थे।
राजौरी अटैक 2023: 1 जनवरी 2023 को आतंकवादियों ने राजौरी में हिंदू परिवारों पर फायरिंग कर दी। जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई. साथ ही 7 लोग घायल हो गए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने इस मामले में जांच के बाद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के तीन फरार आकाओं सहित पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। लश्कर के तीनों हैंडलर्स के पाकिस्तान में छुपे बैठे होने की बात चार्जशीट में कही गई।
पठानकोट: 2 जनवरी, 2016 को आतंकियों ने पठानकोट में एयरबेस पर हमला कर दिया था। इसमें 7 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय सेना की वर्दी में हथियारबंद आतंकी एयरबेस पर किया था हमला। यह हमला 2 जनवरी 2016 को हुआ था। भारतीय सेना की वर्दी में आए हथियारबंद आतंकियों ने इसे अंजाम दिया था। वे सभी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर रावी नदी के रास्ते आए थे। भारतीय इलाके में पहुंचकर आतंकियों ने कुछ गाड़ियां हाईजैक कीं और पठानकोट एयरबेस की ओर बढ़ गए। इसके कैंपस की दीवार कूदकर, लंबी घास से होते हुए उस जगह पहुंचे, जहां सैनिक रहते थे। यहां उनका पहला सामना सैनिकों से हुआ। फायरिंग में चार हमलावर मारे गए और तीन जवान शहीद हो गए। अगले दिन एक IED धमाके में चार और भारतीय सैनिक शहीद हुए।
उरी अटैक: 18 सितंबर, 2016 को उरी में हुए आतंकवादी हमले में 18 भारतीय रक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। जम्मू-कश्मीर स्थित उरी ब्रिगेड हेडक्वार्टर हथगोलों के धमाकों से गूंज उठा था। हथगोलों के हमले से फौजियों के टेंटों में आग लग गई और उसमें सो रहे जवान बुरी तरह झुलस गए। इस पर सेना के जवानों ने तुरंत जवाबी हमला किया और मुठभेड़ में चारों आतंकियों को मार गिराया। लेकिन अचानक हुए इस हमले में हमारे जवान भी शहीद हो गए। यह मुठभेड़ करीब छह घंटे तक चली थी।