By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 30, 2024
नयी दिल्ली । आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने कहा है कि बेहतर वैश्विक परिदृश्य और सामान्य से अच्छे मानसून की संभावना के चलते चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत से अधिक बढ़ सकती है। नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) (एनसीएईआर) ने मासिक आर्थिक समीक्षा (एमईआर) के अप्रैल 2024 अंक में कहा कि जीएसटी संग्रह, पीएमआई, बिजली खपत, मालु ढलाई जैसे उच्च आवृत्ति वाले संकेतक घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शा रहे हैं।
इसमें विनिर्माण के लिए क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) 16 साल के उच्च स्तर पर है और डिजिटल भुगतान प्रणाली यूपीआई के जरिए लेनदेन भी उच्चतम स्तर पर है। एनसीएईआर की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा, वैश्विक वृद्धि और व्यापार की मात्रा, दोनों में अनुमानित तेजी के साथ ही सामान्य से अच्छे मानसून के पूर्वानुमान से यह संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकती है।
एनसीएईआर के अनुसार, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च में 1.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 2017 में इसके लागू होने के बाद से दूसरा सबसे अच्छा संग्रह है। यूपीआई ने मार्च 2024 में 13.4 अरब लेनदेन (मात्रा में) दर्ज किए, जो इसके लागू होने के बाद से सबसे अधिक है। गुप्ता ने कहा, इन उच्च आवृत्ति संकेतकों के साथ ही आईएमएफ और डब्ल्यूटीओ के अनुसार बेहतर वैश्विक परिदृश्य के चलते चालू वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत हैं।