पूर्वी लद्दाख में खतरा किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है : थल सेना प्रमुख नरवणे

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 13, 2022

नयी दिल्ली|  थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने बुधवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में खतरा किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है और भारतीय सेना दृढ़ता तथा साहसिक तरीके से चीनी सेना से निपटना जारी रखेगी।

वह पिछले 20 महीने से जारी सीमा गतिरोध का जिक्र कर रहे थे, जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हुआ है। जनरल नरवणे ने यह भी कहा कि युद्ध या संघर्ष हमेशा अंतिम उपाय होता है, लेकिन अगर इसे भारत पर थोपा जाता है, तो देश विजयी होगा।

सेना दिवस (15 जनवरी) से पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जनरल नरवणे ने कहा कि उनकी सेना पूर्वी लद्दाख में सामरिक तैयारियों के उच्चतम स्तर को बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि खतरे के आकलन और आंतरिक विचार-विमर्श के परिणामस्वरूप सैनिक फिर से संगठित हुए हैं।

सेना प्रमुख ने जोर देकर कहा कि चीन का नया भूमि सीमा कानून भारत के लिए बाध्यकारी नहीं है और भारतीय सेना इस कानून के किसी भी सैन्य प्रभाव से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। पूर्वी लद्दाख में स्थिति को स्थिर और नियंत्रण में बताते हुए, सेना प्रमुख ने टकराव वाले कुछ स्थानों से जुड़े मुद्दे को बातचीत के माध्यम से निपटाने का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि वह शेष मुद्दों के समाधान तलाशने को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा, स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है। जैसा कि मैंने उल्लेख किया है कि बातचीत चल रही है और जब बातचीत चल रही है, तो हमेशा उम्मीद रहती है कि बातचीत के माध्यम से हम अपने मतभेदों को हल करने में सक्षम होंगे। सेना प्रमुख ने कहा कि यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के चीनी प्रयासों के लिए भारत की प्रतिक्रिया बहुत मजबूत थी और वह नापाक इरादों को विफल करने में सक्षम थी।

उन्होंने कहा, अगर आप पिछले साल की जनवरी की स्थिति को याद करते हैं, तो मुझे लगता है कि हम कह सकते हैं कि पिछले एक साल में हमारी उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर सकारात्मक बदलाव हुए हैं।

जनरल नरवणे ने कहा कि सेना एक ओर तो चीनी पीएलए के साथ निरंतर बातचीत में संलग्न है, वहीं दूसरी ओर उत्तरी सीमाओं पर सामरिक तैयारियों के उच्चतम स्तर को कायम रखे हुए है।

उन्होंने कहा, खतरा किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है। उन क्षेत्रों में सैन्य ताकत को पर्याप्त रूप से बढ़ा दिया गया है, जहां अभी तक मतभेद दूर नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, हम अपने दावों की शुचिता सुनिश्चित करते हुए पीएलए के साथ दृढ़तापूर्वक, साहसिक और शांतिपूर्ण तरीके से निपटना जारी रखेंगे। (इसके लिए) आवश्यक सुरक्षा उपाय किए गए हैं।

उनकी यह टिप्पणी उस दिन आई है जब भारतीय और चीनी सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख विवाद पर उच्च स्तरीय वार्ता के 14 वें दौर का आयोजन किया था। वार्ता से उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर, जनरल नरवणे ने सुझाव दिया कि पैट्रोलिंग प्वॉइंट-15 (हॉट स्प्रिंग्स) में मतभेद दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य स्तर और बुनियादी संरचना को अभी कायम रखा जाएगा, तो उन्होंने कहा कि वहां मतभेद समाप्त होने के बाद ही सैन्य एवं बुनियादी संरचना को हटाया जाएगा।

थल सेना प्रमुख ने कहा कि जहां तक उत्तरी मोर्चे का संबंध है तो पिछले डेढ साल में सैन्य बलों की क्षमता कई गुना बढ़ गयी है।

प्रमुख खबरें

Election Commission ने AAP को चुनाव प्रचार गीत को संशोधित करने को कहा, पार्टी का पलटवार

Jammu Kashmir : अनंतनाग लोकसभा सीट के एनपीपी प्रत्याशी ने अपने प्रचार के लिए पिता से लिये पैसे

Mumbai में बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, चिकित्सक समेत सात आरोपी गिरफ्तार

‘आउटर मणिपुर’ के छह मतदान केंद्रों पर 30 अप्रैल को होगा पुनर्मतदान