जो मज़ा हराने में है, वह जीतने में नहीं (व्यंग्य)

By डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’ | Aug 06, 2021

सेक्रेटरी ने नेता जी की प्रतीक्षा में खड़े चार युवकों को भीतर बुलाया। नेता जी के पूछने पर चारों ने अपने नाम क्रमशः फेसबुकिया उर्फ लाइक-कमेंट्स, ट्विटर उर्फ कुहू-कुहू, यूट्यूब उर्फ हो हल्ला और वाट्सप उर्फ फॉरवर्ड बाबू बताया। सेक्रेटरी ने नेता जी की ओर से चारों को बुलाने का उद्देश्य समझाते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से नेता जी छवि सोशल मीडिया पर बिगड़ सी गयी है। पार्टी कार्यालय में महिला कार्यकर्ताओं से उनकी ऊँच-नीच हो गई थी। अब इस बिगड़ी हुई छवि को सुधारने की पूरी जिम्मेदारी तुम्हारे मजबूत कंधों पर है।

इसे भी पढ़ें: बाढ़ के मौसम में मानसून के चातक (व्यंग्य)

तभी नेता जी का फोन बज उठा। फोन को कान से चेंपते हुए जवाब दिया- “नहीं-नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। वह तो यूँही बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। वह क्या है न कि सफेद कपड़े को सफेद बनाए रखना भी आज के जमाने में खतरों का खेल बनकर रह गया है। इसलिए मेरे बारे में आप जो कुछ भी अच्छा-बुरा सुन रहे हैं, उसे एक कान से सुनिए और दूसरे कान से निकाल दीजिए। हो सके तो दोनों कान में रुई ठूस लीजिए।'' इतना कहते हुए नेता जी ने फोन का लाल बटन दबाया और युवकों की ओर देखने लगे। 


नेता जी ने युवकों को धमकाते हुए कहा कि दुश्मन पार्टी के हमारे पुराने साथी आजकल सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुए जा रहे हैं। हमारे पुराने राज़ एक के बाद एक ताश के पत्तों की तरह बांटते जा रहे हैं। इससे हमारी छवि खराब हो रही है। आलाकमान बहुत जल्द पार्टी टिकट बांटने के चक्कर में है। उस समय जो नेता सबसे पॉपुलर होगा पार्टी उसी को टिकट देगी। अब पहले वाला जमाना नहीं रहा जब काम करने वाले को पार्टी का टिकट दिया जाता था। अब तो दिखावा करने वाले की आवभगत होती है। वैसे मेरा नाम भी टिकट के इच्छार्थियों में है। किंतु दूसरे नंबर पर। उसे नंबर वन पर लाना है। तुम लोगों को तो पता ही है कि आजकल हर कोई सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है। सोशल मीडिया चाहे तो पल में कंकर को शंकर और शंकर को कंकर बना दे। तुम लोग जनता की नब्ज अच्छी तरह से जानते हो। बताओ मेरे लिए तुम क्या-क्या कर सकते हो?


चारों युवकों ने एक स्वर में हामी भरते हुए कहा कि आप निश्चिंत रहें। हम आपकी छवियों से फेसबुक और इंस्टाग्राम का चप्पा-चप्पा भर देंगे। ट्विटर पर आपकी ट्विटों की चहचहाहट से सबकी नींद हराम कर देंगे। यूट्यूब पर आपके सिवाय कोई दूसरा वीडिया चलने ही न देंगे। वाट्सप पर टरकाए हुए संदेशों का ऐसा पहाड़ खड़ेंगे जहाँ से सारी दुनिया को सिर्फ आप ही आप दिखेंगे। सौ बात की एक बात कहनी हो तो हम आपका इतना प्रमोशन करेंगे कि आपको अपनी महानता पर संदेह होने लगेगा। आपको लगने लगा कि मैंने ये सब काम कब किए। हमारा काम ही झूठ को सच और सच को झूठ दिखाना है।

इसे भी पढ़ें: कहना ही तो है (व्यंग्य)

नेता जी ने अंतिम सवाल करते हुए पूछा “यह सब तो ठीक है। क्या तुम्हें ऐसा काम करने का कोई पूर्व अनुभव है?”


चारों ने ऐसा जवाब दिया कि नेता जी के चारों खाने चित्त हो गए। उन्होंने कहा “साहब अभी आप जिस विपक्षी पार्टी के अपने पुराने दोस्त के बारे में बात कर रहे थे, उनका प्रमोशन हमने ही किया है। आपके बारे में तिल जैसी खबर को पहाड़ बनाने का पूरा श्रेय हमें ही जाता है। विश्वास न हो तो उन्हीं को फोन करके पूछ लीजिए।''


- डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’

(हिंदी अकादमी, तेलंगाना सरकार से सम्मानित नवयुवा व्यंग्यकार)

प्रमुख खबरें

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई

कब से सामान्य होगी इंडिगो की उड़ानें? CEO का आया बयान, कल भी हो सकती है परेशानी