न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने वाले राज्यसभा सदस्यों का नाम गुप्त रखा जाएगा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 19, 2019

नयी दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने वाले और उसे वापस लेने वाले राज्यसभा सदस्यों के नामों का खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह संसदीय विशेषाधिकार का हनन होगा। मुख्य सूचना आयुक्त सुधीर भार्गव ने एस मल्लेश्वर राव के आवेदन पर यह आदेश दिया। दरअसल, राव ने राज्यसभा सचिवालय से उन सांसदों की संख्या जानना चाहा था जिन्होंने न्यायमूर्ति सी वी नागार्जुन रेड्डी के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया था और जिन्होंने इसे वापस लिया था। रेड्डी हैदराबाद उच्च न्यायालय से पिछले साल सेवानिवृत्त हुए थे। 

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हालांकि, राज्यसभा सचिवालय ने सूचना देने से इनकार करने के लिए आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1)(सी) का उल्लेख किया था।यह धारा वैसी सूचनाओं के खुलासे से छूट देती है जो संसद या राज्य विधानमंडल के विशेषाधिकार का हनन कर सकती हैं। भार्गव ने कहा कि संसद या राज्य विधानमंडल या उनके सदस्यों कोकिसी भी हलके से अवरोध या हस्तक्षेप के बिना अपना कामकाज प्रभावी रूप से करने देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 105 और 194 के तहत उन्हें कुछ खास विशेषाधिकार दिए गए हैं। 

 

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों और बाद में इसे वापस लेने वाले सदस्यों के नामों का आरटीआई के तहत खुलासा करने से ऐसे सदस्यों के संसदीय आचरण की सार्वजनिक पड़ताल होने लग जाएगी। उन्होंने कहा कि इस तरह का खुलासा न सिर्फ सदस्यों को संसदीय कामकाज करने में अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगा, बल्कि इसमें उनके कार्यों को भविष्य में प्रभावित करने की भी प्रवृत्ति होगी। इस तरह विशेषाधिकार हनन होगा। 

 

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