Mantra Remedies: जीवन में पॉजिटिव बदलाव लाएंगे नवग्रहों के ये खास मंत्र, दूर होगा हर कष्ट

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 27, 2025

वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों की विशेषता के बारे में बताया गया है। वहीं नवग्रहों की कृपा प्राप्त करने के लिए मंत्रों और बीज मंत्रों का जाप अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। क्योंकि हमारे जीवन के किसी न किसी क्षेत्र को प्रत्येक ग्रह प्रभावित करता है। जब किसी ग्रह की स्थिति कमजोर या पीड़ित होती है, तो उसके मंत्र और बीज मंत्र का जाप करके उस ग्रह के शुभ प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। यह मंत्र न सिर्फ व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करके जीवन में पॉजिटिव बदलाव भी लाते हैं। 


ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको नवग्रहों के विशेष मंत्र और उनके बीज मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनका आप नियमपूर्वक और श्रद्धापूर्वक जाप करके अपने जीवन को सुखमय और संतुलित बना सकते हैं।

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जानिए हर ग्रह के लिए विशेष मंत्र 


सूर्य देव का मंत्र और बीज मंत्र

सूर्य के लिए मंत्र- 'ॐ सूर्याय नमः'

सूर्य के लिए बीज मंत्र- 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः'


चंद्र देव का मंत्र और बीज मंत्र

चंद्र देव के लिए मंत्र- 'ॐ चंद्राय नमः'

चंद्र देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः'


मंगल देव का मंत्र और बीज मंत्र

मंगल देव के लिए मंत्र- 'ॐ भौमाय नमः'

मंगल देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः'


बुध देव का मंत्र और बीज मंत्र

बुध देव के लिए मंत्र- 'ॐ बुधाय नमः'

बुध देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः'


गुरु बृहस्पति का मंत्र और बीज मंत्र

गुरु बृहस्पति के लिए मंत्र- 'ॐ गुरवे नमः'

गुरु बृहस्पति के लिए बीज मंत्र- 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः'


शुक्र देव का मंत्र और बीज मंत्र

शुक्र देव के लिए मंत्र- 'ॐ शुक्राय नमः'

शुक्र देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः'


शनि देव का मंत्र और बीज मंत्र

शनि देव के लिए मंत्र- 'ॐ शनैश्चराय नमः'

शनि देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः'


राहु देव का मंत्र और बीज मंत्र

राहु देव के लिए मंत्र- 'ॐ राहवे नमः'

राहु देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः'


केतु देव का मंत्र और बीज मंत्र

केतु देव के लिए मंत्र 'ॐ केत्वे नमः'

केतु देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केत्वे नमः'


समापन

बता दें कि नवग्रहों के यह मंत्र सिर्फ शब्द ही नहीं बल्कि आत्मा की पुकार है। जब पूरी श्रद्धा के साथ इन मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, तो वह हमारे अंदर छिपी ऊर्जा को जाग्रत करते हैं और ब्रह्मांड की शक्ति से हमारा जुड़ाव अधिक गहरा करते हैं। यह ग्रह एक दिशा और एक शिक्षा हैं। वहीं यह मंत्र उस शिक्षा को समझने और स्वीकार करने का जरिया है।

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