जम्मू कश्मीर में युद्ध जैसे हालात, सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द

By अनिल एस साक्षी | Feb 27, 2019

जम्मू। भारत तथा पाकिस्तान के बीच भरपूर युद्ध की आशंका और बढ़ गई है। इस आशंका के बीच जम्मू कश्मीर सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों,अधिकारियों की छुट्टियों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। सभी अस्पतालों में नियुक्त डाक्टरों, अर्द्धचिकित्सा स्टाफ की छुट्टियों को भी रद्द करते हुए सभी को अपने कार्य पर वापस लौटने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच सरकार ने स्थिति को आपात बताते हुए जहां नागरिक सुरक्षा के उपायों को तेज किया है वहीं मेडिकल कालेज, प्रायवेट नर्सिंग होम्स को आपात स्थिति से निपटने के लिए अपने आपको तैयार रखने के लिए कहा है।

पाकिस्तानी इलाके में कल भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक और आज पाक वायुसेना के एक एफ-16 विमान को मार गिराने की घटना के बाद लड़ाई के पूर्ण युद्ध में बदल जाने की आशंका अब और बढ़ गई है। इसकी पुष्टि राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे आपात कदमों से होती है।ज म्मू कश्मीर सरकार ने युद्ध की आशंका के चलते किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी जहां आरंभ कर दी है वहीं पाक हमले की सूरत में नागरिकांे को बचाव के लिए नागरिक सुरक्षा के उपायों को तेज किया है।

 

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युद्ध की आशंका के चलते सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों द्वारा अवकाश लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि जो कर्मचारी तथा अधिकारी अवकाश पर गए हुए हैं उन्हें वापस ड्यूटी पर आने के लिए तत्काल प्रभाव से नोटिस जारी किया गया है। राज्य सरकार द्वारा जारी नोटिस के अनुसार,किसी भी प्रकार का कोई अवकाश पारित न किया जाए। सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियों को ही रद्द नहीं किया गया है बल्कि मेडिकल कालेज तथा संबंधित अस्पतालों के डाक्टरों, अर्द्ध चिकित्सा स्टाफ तथा अन्य संबंधित कर्मियों के अवकाश को तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए अवकाश लेने पर प्रतिबंध लागू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने मेडिकल कालेज तथा संबंधित अस्पतालों को आपात उपाय करने, एमरजेंसी वार्ड को पूर्ण रूप से सुसज्जित रखने तथा आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त एमरजेंसी वार्ड को खोलने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।

 

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अधिकारियों के अनुसार, युद्ध की स्थिति से बचाव के लिए किए जाने वाले आपात उपायों के संबंध में राज्य सरकार के अधिकारियों तथा सेनाधिकारियों के बीच बैठकें हुई हैं। इतना ही नहीं राज्य सरकार ने युद्ध की स्थिति में चिकित्सा सहायता के लिए प्रायवेट नर्सिंग होम्स के मालिकों से भी तालमेल बनाया है ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका इस्तेमाल सैनिक कार्यों के लिए किया जा सके।

अधिकारियों ने बताया कि युद्ध की संभावना को देखते हुए नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस), विभाग को अपने आपको पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा गया है। जबकि अधिकारियों ने लोगों को युद्ध की स्थिति में बचाव व सुरक्षा के उपाय के प्रति जानकारियां देनी आंरभ करने का अभियान भी शुरू करने की योजना बनाई है। हालांकि अभी इसके प्रति आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों के लोगों को कब नागरिक सुरक्षा के प्रति जानकारी दी जाएगी लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों को इसकी पूरी जानकारी देने के साथ ही बंकर बनाने, मोर्चों में अपने आपको सुरक्षित रखने का प्रशिक्षण आरंभ किया जा चुका है।

 

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