सांसों की दिक्कत होगी दूर! दिवाली से पहले अस्थमा के पेशेंट फेफड़ों की सफाई के लिए पिएं ये खास ड्रिंक्स

By दिव्यांशी भदौरिया | Oct 15, 2025

दिवाली रोशनी और उत्साह का पर्व है। इस दिन आहट के साथ ही गली-मोहल्ले में पटाखे और दीया जलाने शुरु हो जाते हैं। दिवाली पर पटाखे जलाएं जाते हैं। ऐसे में कुछ लोग को तकलीफ होने लगती है। अस्थमा के मरीजों को दिक्कत होती है, ऐसे में उन्हें प्रादूषण से सांस फूलने की समस्या, एलर्जी, नाक बहना, छींक, खांसी के समस्या से जूझना पड़ता है। अगर आप अपने त्योहार का मजा खराब नहीं करना चाहते हैं, तो आप पहले से ही इसके लिए कुछ प्रीकॉशन लेना शुरु कर दें। आप इन घरेलू और आयुर्वेदिक काढ़े को रुटीन में शामिल करें। यह आपके लंग्स को क्लीन कर सांस लेने में सहायता करेंगे। अभी से इन ड्रिंक्स का सेवन करना शुरु कर दें।

 

मुलेठी टी


आयुर्वेद में मुलेठी के कई फायदे बताएं है। मुलेठी को अंग्रेजी में लिकोराइस कहा जाता है। यह गले की खराश और कंजेशन को दूर करने में सहायक होता है। इसमें नेचुरल एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाएं जाते हैं और सांस नली में हो रही सूजन को कम करती है। यह गले में बन रहे म्यूकस को भी बाहर निकालता है। इसलिए अभी से मुलेठी टी पीना शुरु कर दें। यह कफ और खराश को भी कम करता है।


जिंजर टी


अदरक में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाएं जाते हैं। यह सांस जुड़ी तकलीफों को दूर करते हैं। जिंजर टी पीने से सांस नली की सूजन को कम करने में मदद करता है, जिससे सांस लेने में भी आराम मिलता है। पलूशन के दौरान जिन लोगों की सांस फूलने लगती है, उन्हें जिंजर टी और थोड़ा सा शहद डालकर पिएं। 


ग्रीन टी


ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स के भरपूर मात्रा में गुण पाएं जाते है। इसमें एंटीहिस्टामाइन और एपिगलकैटेचिन गैलेट सूजन को कम करने में मदद करता है और यह अस्थमा अटैक से बचाता है। ग्रीन टी में पाए जाने वाला थियोफाइलिन फेफड़ों की मसल्स को रिलैक्स करने में मदद करता है। रोजाना आप एक या दो कप ग्रीन टी पिएं।


ब्लैक कॉफी


खांसी से लेकर सांस लेने की समस्या से बचने के लिए आप स्ट्रांग ब्लैक कॉफी पी सकते हैं। यह आपको राहत देने में मदद करेंगी। यह लंग्स के एयरवेज को खोलने में मदद करती है। जिससे बाद सांस लेना आसान हो जाता है। अस्थमा के लक्षण दिख रहे और इनहेलर पास नहीं है, तो ब्लैक कॉफी से थोड़ी राहत देगी।


हल्दी वाला दूध


हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट्स के प्रॉपर्टी इम्यून सिस्टम को बढ़ाते है। हल्दी वाला दूध अस्थमा को मैनेज करने में मदद करता है। हालांकि, कुछ लोगों को डेयरी प्रोडक्ट्स अस्थमा में समास्या उत्पन्न करते है, तो ऐसे में आप हल्दी वाला दूध न पिएं। 

प्रमुख खबरें

Goa Nightclub Fire । मैनेजर गिरफ्तार, क्लब के मालिक पर भी वारंट जारी, CM ने दिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

IndiGo Controversy पर मंत्री राम मोहन नायडू ने राहुल गांधी पर पलटवार किया

Kharmas 2025: कब से खरमास लगेगा? जानें सही तिथि और नियम

Delhi में स्मॉग का साया, हवा की क्वालिटी अभी भी बहुत खराब