By अंकित सिंह | Dec 15, 2025
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीए) को बदलने के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा लाए गए विधेयक की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का यह कदम दूसरों के काम को अपना बताने के मकसद से उठाया गया है। पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की यह "पुरानी आदत" है कि वह योजना का नाम बदलती रहती है।
यादव ने कहा कि भाजपा की नाम बदलने की संस्कृति बहुत पुरानी है... इस दो इंजन वाली सरकार में दिल्ली का इंजन उत्तर प्रदेश के इंजन से सीख रहा है... यह दो इंजन वाली सरकार दूसरों के काम को अपना बता रही है। उनके पास दिखाने के लिए कोई नया काम नहीं है। इसके अलावा, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने पर भाजपा से सवाल किया। उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को योजना का नाम बदलने के बजाय एक नई योजना शुरू करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में, सनातन धर्म में, प्रत्येक व्यक्ति अपने पिता का सम्मान करता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का विश्व भर में सम्मान किया जाता है। आप सोनिया गांधी द्वारा शुरू की गई उस योजना से उनका नाम हटा रहे हैं, जो कोविड-19 महामारी के दौरान देश के लिए आजीविका का स्रोत बनी। उन्होंने आगे कहा कि मेरा कहना यह है कि आप एक और योजना ला रहे हैं, लेकिन इस योजना से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटा रहे हैं? अगर उनकी चलती तो वे इस योजना का नाम गोडसे के नाम पर रख देते।
विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 का उद्देश्य ग्रामीण विकास को विकसित भारत 2047 की परिकल्पना के साथ जोड़ना है, जिसमें सशक्तिकरण, विकास, अभिसरण और संतृप्ति पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक समृद्ध और लचीला ग्रामीण भारत का निर्माण करना है। इस विधेयक के तहत, सार्वजनिक कार्यों को एकीकृत करके विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना स्टैक का गठन किया जाएगा, जिसमें जल सुरक्षा, मूलभूत ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका संबंधी परियोजनाएं और जलवायु परिवर्तन से निपटने की पहलों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसका उद्देश्य कृषि के चरम मौसमों के दौरान पर्याप्त कृषि श्रम की उपलब्धता सुनिश्चित करना और एकीकृत, व्यापक स्तर पर नियोजन के लिए विकसित ग्राम पंचायत योजनाओं को संस्थागत रूप देना भी है।