अखिलेश का BJP पर निशाना, बोले - देश व्यक्तिगत सनक से नहीं, संविधान से चलेगा

Akhilesh
ANI
अंकित सिंह । Dec 6 2025 12:26PM

अखिलेश यादव ने भाजपा पर संविधान को कमजोर कर लोकतंत्र को खतरे में डालने का आरोप लगाया, कहा कि एक व्यक्ति का शासन लाने वाले लोकतंत्र के विरोधी हैं। उन्होंने संविधान को देश की नींव, कर्म ग्रंथ और पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) का मार्गदर्शक बताते हुए इसकी रक्षा को जीवन-मरण का प्रश्न करार दिया।

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी विपक्षी नेताओं के सुर में सुर मिलाते हुए भाजपा और उसके सहयोगियों पर निशाना साध रहे हैं। X पर एक पोस्ट में, सपा नेता ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र के विरोधी वही हैं जो एक व्यक्ति का शासन लाना चाहते हैं। सपा नेता ने पोस्ट किया कि देश का नारा जय जवान, जय किसान, जय संविधान होना चाहिए। संविधान की बात करें तो कोई पक्ष या विपक्ष नहीं होना चाहिए। सभी एक स्वर में एक तरफ़ होने चाहिए। संविधान सिर्फ़ एक किताब नहीं, बल्कि नींव भी है। 

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अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र के लिए सबसे दुखद बात यह है कि संसद में संविधान बचाने की बहस हो रही है, जबकि चर्चा संविधान के अनुसार देश को आगे बढ़ाने की होनी चाहिए। संविधान पर संकट दरअसल लोकतंत्र पर संकट की छाया है। जो लोग संविधान को कमज़ोर करना चाहते हैं, वे लोकतंत्र को कमज़ोर करना चाहते हैं, और लोकतंत्र के विरोधी वही हैं जो एक व्यक्ति का शासन लाना चाहते हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि देश संविधान के अनुसार चलना चाहिए, न कि व्यक्तिगत सनक के अनुसार। उन्होंने कहा कि संविधान अधिकार देता है और जो लोग अधिकारों को कुचलना चाहते हैं, वे संविधान को नकारने की कोशिश करते हैं। मैंने यह कई बार कहा है और आज फिर कह रहा हूँ कि संविधान ही संजीवनी है। इसमें देश को अच्छा बनाने और उसे अच्छा बनाए रखने की शक्ति है। संविधान लोकतंत्र का कर्म ग्रंथ है। इसलिए हमारे लिए संविधान ही कर्म ग्रंथ है। देश संविधान से चलना चाहिए, न कि व्यक्तिगत सनक के अनुसार। उन्होंने आगे कहा कि संविधान ही पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक गठबंधन का मार्गदर्शक है, जिसका उनकी पार्टी समर्थन करने का दावा करती है।

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उन्होंने कहा कि संविधान पीडीए का मार्गदर्शक है। क्योंकि संविधान ही व्यक्ति की गरिमा और सम्मान सुनिश्चित करता है। यही पीडीए समाज को शोषण और उत्पीड़न से बचाता है और शोषकों को दंड देता है। इसलिए संविधान हम पीडीए के लोगों के लिए आखिरी उम्मीद का नाम है। संविधान हमारा सुरक्षा कवच है। संविधान हमारी ढाल है। संविधान है तो सुरक्षा है। संविधान है तो शक्ति है। संविधान देश के 90% शोषित, उपेक्षित, पीड़ित और वंचित लोगों के अधिकारों का सच्चा रक्षक है। संविधान सबसे बड़ा सहायक है। इसलिए संविधान की रक्षा पीडीए के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है। जो लोग संविधान का सम्मान नहीं करते, उनके लिए यह एक कोरा पन्ना मात्र है।

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