By निधि अविनाश | Aug 24, 2021
अफगानिस्तान के लोगों को 15 अगस्त एक काले रात की तरह हमेशा याद रहेगी जब तालिबानियों ने राजधानी काबुल पर अपना कब्जा किया। अपनी आजादी के लिए अब लोग अफगानिस्तान को छोड़कर दुसरे देश बसने की फिराक में जुट गए है। काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ यह साफ दर्शाती है कि तालिबानियों का डर कितना ज्यादा बना हुआ है। महिलाएं और बच्चें अपनी जिंदगी के लिए इधर से उधर भाग रहे है, परिवार अपनी जिंदगी की कमाई की पुंजी को छोड़कर बस अपने देश को छोड़ देना चाहते है। इस बीच अफगानिस्तान में फंसे कई भारतीयों को निकालने में विदेश मंत्रालय की एक टीम 24 घंटे काम में लगी हुई है।
इस चुनौतीपूर्ण समय में भारत की एक स्पेशल टीम वहां के लोगों के लिए एक बड़ा सहारा बनकर पेश हो रही है। हिंदी अखबार NBT में छपी एक खबर के मुताबिक, यह टीम वहां के लोगों के कॉल और मेसेज का जवाब दे रही है। यह टीम 16 अगस्त को विदेश मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है। इसमें 20 अधिकारी शामिल है और हर दिन यह अधिकारी शिफ्ट में काम कर रहे है। अफगानिस्तान से मदद मांगने वाली कॉल, मेसेज और ई-मेल के सवाल और जवाब के लिए 6-7 अधिकारी है जो उनकी मदद कर रहे है। आपक बता दें कि भारत सरकार को 2 सालों में दूसरी बार ऐसी टीम बनानी पड़ रही है। इससे पहले वंदे भारत मिशन के लिए केन्द्र सरकार को टीम गठित करनी पड़ी थी। इस टीम को पहले कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विदेश में फंसे लोगों को वपास भारत लाने में मदद की थी।
अभी भी अफगानिस्तान में फंसे है 400 भारतीय
अनुमान लगाया जा रहा है कि अफगानिस्तान में अभी भी 400 भारतीय फंसे हुए है। स्पेशल टीम वापस आ रहे भारतीयो का डेटा तैयार करती है और उनके आवशयक दस्तावेज को तैयार कर एप्लिकेशन को आगे बढ़ाती है। इसकी जानकारी काबुल में पहुंचे भारतीय विमाल को पहुंचाई जाती है। रिपोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, अब तक 2000 से ज्यादा कॉल आ गए है और 6000 वॉट्सएप कॉल के जवाब दिए गए है वहीं 1200 से अधिक ई-मेल के जवाब दिए जा चुके है। स्पेशल टीम काबुल एयरपोर्ट पर तैनात अधिकारियों के साथ एयरलिफ्ट ऑपरेशन को लेकर साझेदारी करती है।