एक तरफ जहां लॉग डाउन और कोरोनावायरस के बीच पूर्वोत्तर और बिहार के क्षेत्रों में प्रवासी कामगारों की वापसी लगातार जारी है तो दूसरी ओर 1 जून से चलने जा रही कुछ स्पेशल ट्रेनों में अपने कामकाज पर लौटने वाले लोगों को टिकट नहीं मिल पा रही है। पूर्वोत्तर में गोरखपुर स्टेशन से बड़े शहरों की ओर जाने वाली ट्रेनों में टिकट उपलब्ध नहीं है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब औद्योगिक शहरों और दूसरे राज्यों से भारी तादाद में लोग गोरखपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में लौट रहे हैं।
1 जून से गोरखपुर से मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली के लिए चलने वाली ट्रेनों के टिकट बिक चुके हैं। आलम यह है कि एसी और स्लीपर क्लास में एक भी सीट खाली नहीं है। मामला वेटिंग तक पहुंच गया है। ट्रेनों में टिकट उपलब्ध नहीं होने के कारण उन प्रवासियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है जो अब अपने कामकाज को लौटना चाहते हैं। आपको बता दें कि गोरखपुर से मुंबई के लिए तीन ट्रेनें खुल रही है जबकि अहमदाबाद और दिल्ली के लिए एक-एक ट्रेन। दरअसल लॉक डउन में दी गई ढील के कारण जो लोग वापस गृह राज्य आ चुके थे वे अब अपने काम पर लौटने की इच्छा रख रहे हैं। हालांकि उन्हें यह पता है कि अभी भी कोरोना का खतरा टला नहीं है।
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आपको बता दें कि 1 जून से चलने वाली ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना होगा और यदि आपमें कोरोनावायरस के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपका टिकट कैंसिल हो जाएंगा। गोरखपुर से दिल्ली के रास्ते हिसार जाने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस ट्रेन की सारी सीटें फुल हो गई है। अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन का भी यही हाल है। मुंबई जाने वाली कुछ ट्रेनों में अभी भी सेकंड क्लास की सीट खाली है। इतना ही नहीं गोरखपुर के रास्ते बिहार से आने वाली कुछ ट्रेनों में भी टिकट शुरुआती दौर में उपलब्ध नहीं है। वैशाली, संपर्क क्रांति, सप्त क्रांति जैसी ट्रेनें पूरी तरीके से बुक हो चुकी हैं। जून के आखिरी सप्ताह में टिकट उपलब्ध है। आपको बता दें कि गोरखपुर में अब तक 242 श्रमिक ट्रेनें आ चुकी हैं जिनसे 2,57000 लोग अपने गृह राज्य लौटे हैं।