By अंकित सिंह | Feb 02, 2021
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों को किले में तब्दील कर दिया गया है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की आवाजाही को और सीमित करने के लिए पुलिसकर्मियों की देखरेख में मजदूरों को सिंघू बॉर्डर पर मुख्य राजमार्ग के पास सीमेंट के दो बैरियर के बीच लोहे की सरिया लगाते हुए देखा गया। दिल्ली-हरियाणा सीमा पर राजमार्ग के एक अन्य हिस्से को जाम कर दिया गया है और वहां सीमेंट की अस्थायी दीवार खड़ी कर दी गई है। दिल्ली-उत्तरप्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए कई स्तरीय बैरीकेड लगाए गए हैं। लोगों को पैदल चलने से रोकने के लिए कंटीले तार भी लगाए गए हैं। अब इसी को लेकर राजनीति तेज हो गई है।
दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत ने भी कहा कि जब वह पहले दिल्ली जा रहे थे तब भी रास्तों में किले लगाए गए थे, अब जब नहीं जा रहे तब भी यह क्यों लगाए जा रहे हैं? इससे जनता को परेशानी होगी। उन्होंने दावा किया कि इससे जनता को पता चलेगा कि उनके रास्तों में कौन कील लगा रहा है। यह रोटी को संदूक में बंद करने की साजिश है। गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद से ही पुलिस ने प्रदर्शनस्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए हैं। अब किसानों ने एक बार फिर से 6 फरवरी को चक्का जाम करने का ऐलान किया है।