By अभिनय आकाश | Nov 22, 2021
कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के तीन दिन बाद भी किसान अब भी तकरार की तलवार थामें हैं, आंदोलन की रार थामें हैं। राजधानी दिल्ली से दूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज किसानों ने महापंचायत की। 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो तीनों कानून वापस लेने का ऐलान किया उस पर किसानों को आगे की रणनीति बनाने का अवसर मिला। किसान अब भी कुछ नई मांगों के साथ आंदोलन पर डटे हुए हैं। पीएम मोदी की बात उन्होंने नहीं मानी। राकेश टिकैत ने सरकार के खिलाफ हमलावर तेवर बरकरार रखा। सरकार को झुकाने में कामयाब रहे किसान अब अपनी छह मांगों को लेकर आंदोलन को कायम रखने पर अड़े हैं। लखनऊ के किसान नेताओं की बात इन्हीं छह मांगों के इर्द-गिर्द घूमती रही।
बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने साफ किया कि आंदोलन नहीं रुकेगा क्योंकि एमएसपी गारंटी कानून, बीज बिल और दूध नीति जैसे हमारे कई मुद्दों का समाधान होना बाकी है। सरकार हमसे बात करे, नहीं तो हम घर नहीं जाएंगे। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)के आह्वान पर सोमवार को यहां बंगला बाजार (पुरानी जेल रोड) स्थित इको गार्डन में आयोजित ‘किसान महापंचायत’ में देश के विभिन्न राज्यों के किसान पहुंचे। किसानों ने महापंचायत में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने की मांग की है। टिकैत ने सरकार से उनकी मांग है कि वो एमएसपी पर कानून बनाए ताकि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके। टिकैत ने कहा कि एमएसपी की गारंटी प्रशासनिक फैसले से लागू किया जा सकता है।
टेनी को बर्खास्त किया जाए
राकेश टिकैत ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी समेत अन्य प्रमुख मांगों को उठाया। पीएम के साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के फोटो में न दिखने की बात पर राकेश टिकैत ने कहा कि टेनी मुल्जिम हैं। तिकुनिया प्रकरण के मुल्जिम टेनी को पीएम ने अपने साथ नहीं बिठाया। टेनी को बर्खास्त भी करना चाहिए।