अंडमान में आदिवासियों पर एक अमेरिकी पर्यटक की हत्या का संदेह

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 22, 2018

पोर्ट ब्लेयर/नयी दिल्ली। अंडमान निकोबार के नार्थ सेंटीनल आयलैंड में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे एक अमेरिकी नागरिक की संरक्षित आदिवासियों ने कथित तौर पर तीर मारकर हत्या कर दी है। पुलिस ने बताया कि जॉन एलन चाऊ (27) की 17 नवंबर को सेंटेनलीज आदिवासियों ने हत्या कर दी। अंडमान निकोबार पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी जतिन नरवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ऐसी आशंका है कि उनका शव गत सप्ताह जमीन में दफना दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मौत पारंपरिक हथियारों से हुई लेकिन हम अभी स्पष्ट तौर पर नहीं बता सकते कि क्या उनकी तीरों या भालों से हत्या की गई।’’ जब अमेरिकी दूतावास से संपर्क किया गया गया तो उसके प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमें अंडमान निकोबार द्वीप में अमेरिकी नागरिक से संबंधित खबरों के बारे में जानकारी है।

अमेरिकी विदेश विभाग के लिए अपने नागरिकों का कल्याण और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।’’ प्रवक्ता ने ईमेल से भेजे जवाब में कहा, ‘‘जब कोई अमेरिकी नागरिक लापता हो जाता है, तो हम स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर उसे तलाशने की कोशिश करते हैं। निजता को ध्यान में रखकर हम इस बारे में और आगे टिप्पणी नहीं करेंगे।’’ सेंटेनलीज लोग उन आदिवासियों में से एक हैं जो 2004 में आई सुनामी में बाहरी दुनिया की कोई मदद के बिना जीवित बच गए थे। साल 2004 की जनगणना के अनुसार, जनसंख्या गणक अधिकारी केवल 15 सेंटेनलीज लोग 12 पुरुष और तीन महिलाओं का ही पता लगा सकें। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार उनकी संख्या 40 से 400 के बीच कुछ भी हो सकती है।

दिल्ली विश्वविद्यालय में मानवविज्ञान विभाग के प्रोफेसर पी सी जोशी ने कहा कि यह जनजाति अब भी बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटी हुई है और भारतीय मानवविज्ञान सोसायटी के प्रयासों के बावजूद इनसे संपर्क नहीं किया जा सका। सोसायटी ने उनके लिए केले, नारियल छोड़कर अप्रत्यक्ष तौर पर उनसे संपर्क की कोशिश की थी। प्रोफेसर ने कहा, ‘‘हमने कोशिश की थी लेकिन जनजाति ने कोई रुचि नहीं दिखाई। वे अंडमान में सबसे निजी आदिवासियों में से एक हैं। वे आक्रामक हैं और बाहरी लोगों पर तीरों तथा पत्थरों से हमला करने के लिए पहचाने जाते हैं। मुझे नहीं पता कि यह अमेरिकी द्वीप पर क्यों गया लेकिन यह जनजाति लंबे समय से अलग-थलग रह रही है जिसके लिए मैं उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराता क्योंकि वे इसे घुसपैठ और खतरे के तौर पर देखते हैं।’’

 

साल 2006 में समुद्र में शिकार करने के बाद दो भारतीय मछुआरों ने सोने के लिए इस द्वीप के समीप अपनी नौका बांध दी थी लेकिन नौका की रस्सी ढीली होकर तट की ओर बह गई जिससे उनकी हत्या कर दी गई। बहरहाल, चाऊ की मौत के समय के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है लेकिन जो मछुआरे उन्हें द्वीप के समीप लेकर गए थे उन्होंने पुलिस को बताया कि चाऊ इससे पहले पांच बार अंडमान निकोबार द्वीप समूह जा चुका है। उसने पोर्ट ब्लेयर से 102 किलोमीटर दूर सेंटीनल द्वीप पर रहने वाले सेंटेनलीज आदिवासियों से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने बताया कि चाऊ ने चिडियाटापू से एक डोंगी किराए पर ली और 16 नवम्बर को इस द्वीप के निकट पहुंच गया। फिर उसने आगे की यात्रा अपनी डोंगी में की। वह इससे पहले 14 नवम्बर को इसी तरह की एक नाकाम कोशिश कर चुका था।

 

उसके लापता होने के बारे में पहली बार उन मछुआरों को पता चला था जो उन्हें द्वीप के समीप लेकर गए थे। उन्होंने इस यात्रा के बारे में चाऊ के दोस्त को बताया जिसने अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में सूचना दी। पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धारा 302 और 304 के तहत हमफ्रीगंज पुलिस थाने में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई और अमेरिकी नागरिक को द्वीप तक ले जाने वाले सात मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया गया। जोशी ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि इस द्वीप को हाल ही में दर्शकों के लिए खोला गया। यहां सेंटेनलीज सैकड़ों वर्षों से रहते आए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग पर्यटकों के देखने के लिए आदर्श नहीं हैं। ये रोगों के लिहाज से अति संवेदनशील हैं और किसी तरह के संपर्क से ये विलुप्त हो सकते हैं।

 

हम कुछ डॉलर के लिए उनसे संपर्क नहीं बना सकते। हमें उनकी पसंद का सम्मान करना होगा।’’ हाल तक आयलैंड पर बाहरी लोगों का जाना मना था। इस साल एक बड़ा कदम उठाते हुये सरकार ने संघ शासित इलाकों में इस द्वीप सहित 28 अन्य द्वीपों को 31 दिसम्बर, 2022 तक प्रतिबंधित क्षेत्र आज्ञापत्र (आरएपी) की सूची से बाहर कर दिया था। आरएपी को हटाने का आशय यह हुआ कि विदेशी लोग सरकार की अनुमति के बिना इन द्वीपों पर जा सकेंगे।

 

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज