By अनुराग गुप्ता | Mar 09, 2021
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पद से इस्तीफा दे दिया है। रावत ने अपना इस्तीफा राज्यपाल बेबी रानी मौर्या सौंपा है। इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि मैं लंबे समय से राजनीति में काम कर रहा हूं। आरएसएस में प्रचारक के तौर पर काम किया। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के संगठन महामंत्री के नाते, लगभग चार वर्ष से पार्टी ने मुझे देवभूमि में सेवा करने का मौका दिया। यह मेरा परम सौभाग्य रहा है या कहूं यह स्वर्णिम अवसर था। एक छोटे से गांव में जहां आज भी 7-8 परिवार रहते हैं। उस गांव में मैने जन्म लिया एक सैनिक के परिवार में जन्म लिया। मेरे पिताजी पूर्व सैनिक थे। कभी कल्पना भी नहीं की थी कि पार्टी इतना बड़ा सम्मान देगी।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा में ही यह संभव था कि एक छोटे से गांव के कार्यकर्ता को इतना बड़ा सम्मान मिला और चार मुझे सेवा करने का मौका दिया। पार्टी ने विचार किया और संयुक्त रूप से यह निर्णय लिया कि मुझे अब किसी और को यह मौका देना चाहिए। चार वर्ष में 9 दिन शेष रह गए हैं और इतना मौका मुझे पार्टी ने दिया है।
इस दौरान उन्होंने बताया कि पार्टी मुख्यालय में बुधवार सुबह 10 बजे विधानमंडल की बैठक होगी। मीडियाकर्मियों ने जब त्रिवेंद्र सिंह रावत से पूछा गया कि इस्तीफा देने के पीछे का कारण क्या है तो उन्होंने जवाब दिया कि कारण जानने के लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार में मंत्री धन सिंह रावत, त्रिवेंद्र रावत="" मजबूत विकल्प रूप उभरे हैं। उत्तराखंड सांसद अजय भट्ट और अनिल बलूनी को भी मुख्यमंत्री पद दावेदार देखा जा रहा है।
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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की थी। जिसे शिष्टाचार मुलाकात का नाम दिया जा रहा था लेकिन फिर मंगलवार की शाम 4 बजे रावत राजभवन पहुंचे। जहां पर उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह और पार्टी मामलों के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार सिंह कुछ दिन पहले देहरादून पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने कुछ बैठकें की थी। जिसके बाद से रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी।