By अभिनय आकाश | Sep 08, 2025
अमेरिका के राष्ट्रपति टैरिफ को लेकर लगातार रूस को धमका रहे। रूस से तेल खरीदने वाले देशों को निशाना बना रहे हैं। अमेरिका को लगता हैकि ऐसा करके पुतिन को झुकाया जा सकता है। बातचीत की टेबल पर लाया जा सकता है। अलास्का में फेल हुए प्रयास के बाद ट्रंप लगातार रूस और उससे तेल खरीदने वाले देशों पर हमलावर हैं और उन्हें यूक्रेन जंग में हो रहे विध्वंस के लिए जिम्मेदार भी ठहरा रहे हैं। लेकिन तमाम बातों से बेपरवाह रूसी राष्ट्रपति पुतिन लगातार यूक्रेन पर कहर ढा रहे हैं। फरवरी में जंग शुरू होने के बाद रूस ने पहली बार 805 ड्रोन और 13 मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इनमें नौ स्कन्दर के और चार स्कन्दर एम मिसाइलें शामिल थीं।
रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया। इस दौरान रूस ने SOS ड्रोन और डिकॉय यानी नकली निशाना भटकाने वाले उपकरण के साथ 13 तरह की मिसाइलें दागीं। यह हमला फरवरी 2022 में शुरू हुए युद्ध के बाद से सबसे बड़ा माना जा रहा है। पहली बार कीव में कैबिनेट बिल्डिंग को भी निशाना बनाया गया। यूक्रेन की एयरफोर्स ने बताया कि 747 ड्रोन और 4 मिसाइलों को मार गिराया, लेकिन फिर भी कई जगहों पर हमला हुआ। देशभर में 37 लोकेशनों पर 9 मिसाइलें और 56 ड्रोन गिरे। कीव में यूक्रेन सरकार की कैबिनेट बिल्डिंग की छत और ऊपरी मंजिलों पर भी नुकसान हुआ। हमले में दो लोगों की मौत हुई, जिनमें एक महिला और उनकी 3 महीने की बच्ची शामिल है। 17 से ज्यादा लोग घायल बताए गए हैं।
यूक्रेन की प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेनको ने कहा, 'हम इमारतों को फिर से बना लेंगे, लेकिन जिन जिंदगियों को हमने खोया है, उन्हें वापस नही ला *सकते। दुनिया को सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कदमो से इस हमले का जवाब देना चाहिए। खासकर रूस के तेल और गैस पर प्रतिबंध कड़े करने की जरूरत है।' यह हमला ऐसे समय हुआ है जब यूरोपीय देशों के नेता व्लादिमीर पुतिन से युद्ध खत्म करने की अपील कर रहे है। वही, 26 देशों ने युद्ध खत्म होने के बाद यूक्रेन में सैनिक भेजने का वादा किया है।