By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 24, 2023
इस्तांबुल। तुर्किये के राष्ट्रपति ने सोमवार को कहा कि इस्लाम विरोधी कार्यकर्ता और कुर्द समर्थक समूहों द्वारा स्टॉकहोम में सप्ताहांत के विरोध प्रदर्शन के बाद स्वीडन को नाटो सदस्यता के लिए अंकारा केसमर्थन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन ने शनिवार को रासमुस पलुदन के कुरान जलाने संबंधी विरोध की निंदा करते हुए कहा कि यह सभी का अपमान है, खासकर मुसलमानों का। उन्होंने स्टॉकहोम में तुर्किये दूतावास के बाहर प्रदर्शन की अनुमति देने के लिए स्वीडिश अधिकारियों की भी आलोचना की। एर्दोआन ने कुर्द-समर्थक विरोध के लिए भी स्वीडन की आलोचना की, जहां प्रदर्शनकारियों ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी या पीकेके सहित विभिन्न कुर्द समूहों के झंडे लहराए।
इस संगठन ने तुर्किये के खिलाफ दशकों से विद्रोह छेड़ रखा है। पीकेके को तुर्किये, यूरोपीय संघ और अमेरिका में एक आतंकवादी समूह माना जाता है, लेकिन स्वीडन में इसके प्रतीकों पर प्रतिबंध नहीं है। एर्दोआन ने कहा, “तो आप आतंकी संगठनों को बेखौफ चलने देंगे और फिर नाटो में शामिल होने के लिए हमारे समर्थन की उम्मीद करेंगे? ऐसा नहीं होने जा रहा है।” वह सैन्य गठजोड़ में शामिल होने के स्वीडन व फिनलैंड के प्रयासों के संदर्भ में कह रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर स्वीडन तुर्किये या मुसलमानों का सम्मान नहीं करेगा, तो “उन्हें नाटो के मुद्दे पर हमसे कोई समर्थन नहीं मिलेगा”।